सरकार की मजबूरी

asiakhabar.com | February 2, 2021 | 4:39 pm IST

विनय गुप्ता

कोरोना काल के बाद मोदी सरकार का पहला बजट आ चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश
किया है। इसमें मिडिल क्लास खाली हाथ ही रहा। सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया,
न ही कोई छूट दी। हालांकि, किफायती घर खरीदने वालों को ब्याज में 1.5 लाख रुपए की एक्स्ट्रा छूट का
समय एक साल बढ़ाकर मार्च 2022 तक कर दिया। वहीं 75 साल से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को इनकम
टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट भी दी है। बजट को बाजार ने पूरे नंबर दिए हैं। भाषण के बाद बाजार में
रिकॉर्ड तेजी दिखी। सेंसेक्स 2,020 अंकों की बढ़त के साथ 48,306.59 पर पहुंच गया। इनकम टैक्स को
लेकर बजट में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। पिछले साल की ही तरह इस साल भी इनकम टैक्स रिटर्न

फाइल करने के दो ऑप्शन मिलेंगे। इनकम टैैक्स में बदलाव की उम्मीद नौकरी पेशा कर रहा था, मगर उसे
निराशा हाथ लगी है।
बजट में सरकार का पूरा जोर कोरोना संकट से बाहर आने पर हैै। अभी सरकार की मंशा पस्त पड़ी
अर्थव्यवस्था को उबारने और लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने की है। इसीलिए स्वास्थ्य क्षेत्र को उम्मीद से ज्यादा
दिया गया है। इस कोरोना काल में पहले से ही ये उम्मीद की जा रही थी कि स्वास्थ्य क्षेत्र को बजट से बहुत
कुछ मिलेगा और ऐसा हुआ भी। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में बढ़ोतरी की गई है और साथ ही वित्त मंत्री
सीतारमण ने आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का तोहफा दिया। वित्त मंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन को आगे
बढ़ाने का ऐलान किया, जिसके तहत शहरों में अमृत योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए दो लाख 87
हजार करोड़ रुपए जारी किए गए। वित्त मंत्री की ओर से मिशन पोषण 2.0 का भी ऐलान किया गया है। वित्त
मंत्री ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र
के बजट को 137 फीसदी तक बढ़ाया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अगले छह सालों में स्वास्थ्य क्षेत्र पर करीब 61 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।
उन्होंने कहा कि इन पैसों को प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया
जाएगा और नई बीमारियों पर भी ध्यान दिया जाएगा और यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से अलग होगा। मोदी
सरकार ने किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए भी कदम उठाया है। सीतारमण ने कृषि सेक्टर के लिए
16.5 लाख करोड़ के बजट का एलान किया, जिसमें पिछले साल के मुकाबले इजाफा किया गया। बता दें कि
साल 2020-21 के बजट में कृषि सेक्टर के लिए 15 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। बजट में कृषि
कानूनों के विरोध कर रहे किसानों का जिक्र नहीं किया गया, लेकिन आंकड़ों के माध्यम से उन्हें साधने की
कोशिश की गई। ऐसे ही कुछ ऐलान आम आदमी के लिए भी किए जाते तो बेहतर रहता।
कुल मिलाकर इस बजट को खारिज नहीं किया जा सकता। अभी तो चुनौती यह है कि सरकार कोरोना काल में
पीछे गई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लेकर आए। इसीलिए सरकार काफी दिनों से कह रही थी इस बार राहत की
ज्यादा उम्मीद देश न करे। इस बात के संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दे चुके थे। सो, सीतारमण के इस
बजट को संकट काल का सबसे बेहतरीन बजट कहा जा सकता है, जिसमें उन्होंने न किसी को ज्यादा खुश
किया और न ही किसी को ज्यादा नाराज।
बजट में जिन प्रावधानों का ऐलान नहीं किया गया है, उसमें यात्रियों को यात्रा के दौरान कंफर्म सीट मिलना है।
ट्रेनों में लगातार लंबी होती जा रही वेटिंग सूची ने रेलवे के पूरे तंत्र को फेल कर रखा है। उम्मीद है कि रेलवे
को जो बजट मिला है, उससे वह इस तरफ कुछ काम करेगी। पिछली यूपीए सरकार के समय तक बजट में
टे्रनों की भारी-भरकम घोषणाओं का दौर मोदी सरकार के आने के बाद खत्म हो चुका है और सरकार समय-
समय पर सुविधायुक्त ट्रेनों को शुरू भी कर रही है, मगर अब भी ट्रेनों की गुंजाइश बनी है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *