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वाशिंगटन। व्हाइट हाउस ने कैलिफोर्निया में महात्मा गांधी की प्रतिमा में तोड़फोड़ की
सोमवार को निंदा की। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से
कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर गांधी की प्रतिमा को खंडित किये जाने की घटना को लेकर चिंतित हैं।’’ उत्तर
कैलिफोर्निया के सिटी ऑफ डेविस के सेंट्रल पार्क में महात्मा गांधी की छह फुट लंबी 294 किलोग्राम वजन की
कांस्य प्रतिमा में पिछले सप्ताह कुछ अज्ञात लोगों ने तोड़फोड़ की थी और उसे उसके आधार स्तंभ से हटा
दिया था। इस संबंध में किए सवाल पर साकी ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हम इसकी निंदा करते हैं और इस
पर गौर करेंगे।’’ डेविस शहर की ओर से जारी एक बयान में भी इस घटना की निंदा की है। बयान में कहा
गया, ‘‘हम ऐसी किसी कार्रवाई का समर्थन नहीं करते, जिमसें सम्पत्ति को नुकसान पहुंचे। हम समझते हैं कि
हमारा समुदाय विचारों और मूल्यों की विविधता को प्रतिबिंबित करता है और हम उम्मीद करते हैं कि हर कोई
एक दूसरे का सम्मान करेगा।’’ इसमें कहा गया, ‘‘ हम एक ऐसा शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो समावेशी
हो और हमारे सिद्धांतों पर खरा उतरे। हम हर नागरिक की शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक सुरक्षा सुनिश्चित करने
के लिए कर्मठता से काम करते हैं। ऐसे कार्य हिंसक हैं और सुरक्षा के लिए खतरा हैं।’’ शहर की ओर से एक
बयान में कहा गया कि वह इस घटना से आहत लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और पूर्ण जांच तथा
दोषियों को कानून के दायरे में लाने का वादा करते हैं। इस बीच, कैलिफोर्निया के सिटी पार्क में भारतीय-
अमेरिकी समुदाय के लोगों ने एक सामुदायिक जुलूस निकाला। सेंट्रल पार्क में जुलूस को संबोधित करते हुए
डेविस की मेयर ग्लोरिया पार्टिडा ने घटना के प्रति अफसोस व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘ तोड़फोड़ की घटना को
कभी माफ नहीं किया जा सकता। गांधी हमारी प्रेरणा हैं और हम ऐसे किसी कृत्य को अनुमति नहीं देंगे।’’
‘इंडियन एसोसिएशन ऑफ सैक्रामेंटो’ (आईएएस) ने अन्य भारतीय-अमेरिकी और हिंदू-अमेरिकी संगठनों के साथ
मिलकर इस जुलूस का आयोजन किया था। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं ‘गांधी
स्टैच्यू फॉर पीस कमेटी’ के सदस्य श्याम गोयल ने भी वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए घटना की
निंदा की और कहा, ‘‘ हमारी समस्याओं को शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीके से हल करने के लिए महात्मा गांधी
की आज भी दुनिया में जरूरत है।’’ कट्टरपंथी खालिस्तानी अलगाववादियों के नेतृत्व वाले ‘ऑर्गनाइज़ेशन फॉर
माइनॉरिटीज़ इन इंडिया’ (ओएफएमआई) के सदस्यों ने इस दौरान गांधी के खिलाफ अशोभनीय नारे लगाकर
जुलूस को बाधित करने की कोशिश की। उन्होंने प्रतिमा को दोबारा ना लगाए जाने की मांग की। ओएफएमआई
के नानक भाटी ने कहा कि डेविस शहर में गांधी की प्रतिमा लगाया जाना उचित नहीं है और पूछा कि ‘‘ इसे
आखिर यहां लगाया ही क्यों गया था?’’ आईएएस ने कहा कि खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने जुलूस को
रोकने के लिए वहां मौजूद लोगों को धमकाने और एक महिला वक्ता पर हमला करने की भी कोशिश की। इन्हें
काबू में करने के लिए पूलिस को बुलाना पड़ा। संगठन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार महिला वक्ता
पर हमले के मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई है।