जयपुर। राजस्थान में वैश्विक महामारी कोरोना धीरे धीरे दम तोड़ता नजर आ रहा हैं
और अब इसके मरीजों के ठीक होने की दर 98 प्रतिशत से भी अधिक पहुंच गई हैं। चिकित्सा विभाग के
अनुसार कोरोना जांच के लिए प्रदेश में अब तक 57 लाख 26 हजार 754 लोगों के नमूने लिये गये जिनमें
तीन लाख 16 हजार 485 कोरोना मरीज सामने आये। इन मरीजों में अब तक तीन लाख दस हजार 279
मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इससे मरीजों के ठीक होने की दर 98.04 पहुंच गई हैं। हालांकि राज्य में अब तक
2758 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी हैं जो इसकी मृत्यु दर 0.87 हैं।
विभाग के अनुसार अब प्रदेश में कोरोना के कहीं से भी बड़ी तादाद में मरीजों के आने का सिलसिला लगभग
थम गया हैं और शनिवार को पूरे राज्य में इसके 203 मरीज सामने आये। इनमें कोटा में 47, जयपुर में
42, नागौर में 26, जोधपुर में 18 तथा भीलवाड़ा में 11 को छोड़कर अन्य किसी भी जगह से इसके मरीजों
का आंकड़ा दस का अंक नहीं छू पाये जबकि दस जिलों बांसवाड़ा, बाड़मेर, बूंदी, जैसलमेर, जालोर, झुंझुनूं,
करौली, प्रतापगढ़, सीकर एवं चुरु में इसका एक भी मरीज नहीं पाया गया। राजधानी जयपुर में आरयूएचएस
अस्पताल जहां कोरोना के मरीजों से भरा रहता था वहां अब बेड खाली पड़े रहने एवं अस्पताल के काउंटर पर
कोई भीड़ नजर नहीं आने से अस्पताल सूना नजर आने लगा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि कोरोना को लेकर राजस्थान सतर्क हैं और राज्य सरकार ने प्रदेश में
कोरोना के दस्तक देते ही इससे निपटने के लिए सारे इंतजाम करने शुरु कर दिये थे जिससे भीलवाड़ा मॉडल
की देश ही नहीं, पूरी दूनियां में सराहना हुई। श्री गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने कोरोना से निपटने के
लिए किये गये प्रयासों के जो कदम उठाये उनका लोगों ने सहयोग भी किया, इससे कोरोना पर नियंत्रण पाने
में मदद मिली और कोरोना मरीजों की मृत्यु दर कभी एक प्रतिशत नहीं पहुंच पाई। श्री गहलोत ने कहा कि
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना टीकाकरण की तैयारियों में राजस्थान को देश में सभी मानकों में अग्रणी
राज्य बताया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन आ जाने के बाद भी कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही हैं और प्रदेश
कोरोना का खात्मा करके ही दम लेगा। चिकित्सा मंत्री डा रघु शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार एवं विभाग की
सतर्कता तथा लगातार प्रयास के कारण आज राज्य में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर इस स्तर पर पहुंच
पाई हैं।