मनीष गोयल
नई दिल्ली। तीन नये कृषि कानूनों पर एक महीने से अधिक समय से जारी गतिरोध
को दूर करने के लिए प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच नौंवे दौर की
वार्ता शुक्रवार को शुरू हुई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल
और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ
विज्ञान भवन में वार्ता कर रहे हैं। इससे पहले, आठ जनवरी को हुई वार्ता बेनतीजा रही थी। पंजाब, हरियाणा,
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं के पास पिछले एक महीने से अधिक
समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि किसान
यूनियनों के साथ सरकार की नौवें दौर की वार्ता निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी और केंद्र सरकार को
सकारात्मक चर्चा की उम्मीद है। तोमर ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘सरकार, किसान नेताओं के साथ खुले
मन से बातचीत करने को तैयार है। ’’ इससे पहले 11 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने तीन कृषि कानूनों के
कार्यान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने इस मामले में गतिरोध को समाप्त करने
के लिये चार सदस्यीय समितिका गठन किया था। हालांकि, समिति के सदस्य और भारतीय किसान यूनियन
के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान ने समिति से अपने को अलग कर लिया था। आठ जनवरी की बैठक में कोई
नतीजा नहीं निकल सका था क्योंकि केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया
और दावा किया कि इन सुधारों को देशव्यापी समर्थन प्राप्त है। वहीं किसान नेताओं ने कहा कि वह अंत तक
लड़ाई के लिये तैयार है और कानूनी वापसी के बिना घर वापसी नहीं होगी। किसान संगठनों और केंद्र के बीच
30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में दो मांगों पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने और बिजली
पर सब्सिडी जारी रखने को लेकर सहमति बनी थी।