दीपावली की रात सुहानी,
धरती पर ले आई रवानी।
दीप जगमगा उठे हैं ऐसे,
सैंकड़ों तारे आसमान पे जैसे।
रोज़ निहारती धरती आकाश को,
आज निहारे आकाश धरती को।
लक्ष्मी जी का हो रहा आगमन,
साफ-सफाई से सजा है आंगन।
लाई बताशे मिठाई पटाखे,
नए-नए वस्त्र और नए मांडने।
स्वागत की है तैयारी जोरों पर,
सजी रंगोली, द्वार सजे घर।
लक्ष्मी माता आओ पधारो,
मुस्कान चेहरों पर सबके ला दो।
आपके बिना है सब जग सूना,
जीवन सूना हर घर सूना।
दीवाली पर सब रोशन कर दो,
सबके घर मां दीवाली कर दो।