दुर्दांत डकैतों के खात्मे के बाद बुंदेलखंड के पाठा में जगी पर्यटन विकास की आस

asiakhabar.com | November 13, 2020 | 5:26 pm IST
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चित्रकूट। कई दशकों तक सीमावर्ती इलाकों में आतंक का साम्राज्य कायम रखने वाले दुर्दांत
डकैतों के खात्में के बाद अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच बसे बुंदेलखंड के पाठा क्षेत्र में पर्यटन विकास की
खासी आस जगी है। शबरी प्रतात, राघव प्रताप एवं धारकुंडी आश्रम तक योगी सरकार द्वारा दोहरी सड़कों का
निर्माण किये जाने एवं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।
विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित बुंदेलखंड के चित्रकूट जिले का पाठा
क्षेत्र करीब पांच दशकों तक दुदुआ, ठोकिया, रागिया, बलखड़िया एवं बबली कोल आदि दुर्दांत डकैतों के आतंक का

शिकार रही है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस एवं एसटीएफ के अथक प्रयासों की बदौलत पाठा के बीहड़ से
दुर्दांत डकैतों का सफाया हो सका है। पाठा के बीहड़ों के जानकार आलोक द्विवेदी का कहना है कि चित्रकूट का
पाठा(मानिकपुर) क्षेत्र पिछले पांच दशकों से दस्यु गैंगों के खौफ का शिकार है। डकैतों की चहलकदमी के कारण
आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी पाठा क्षेत्र के दर्जनों गांवों का अपेक्षित विकास नहीं हो सका है।
धार्मिक, पौराणिक और पर्यटन की दृष्टि से तमाम महत्वपूर्ण स्थल होने के बावजूद दुर्दांत डकैतों की दहशत के
चलते पर्यटक एवं स्थानीय लोग उन स्थलों तक नहीं पहुंच पाते थे। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में डकैतों की तुलना
रक्तबीज नाम के उस राक्षस की तरह की जाती है जो अपनी रक्त के बूंद से पुनः जीवित हो जाता था। ठीक उसी
तरह ये दस्यु गैंग भी हैं जो एक गैंग के खात्मे के बाद बीहड़ में दूसरे गैंग के रूप में दस्तक दे देते हैं। बीहड़ में
रहने वाले गैंग उन जंगलों को अपना सबसे मुफीद ठिकाना बनाते हैं जहां खाकी का भी पहुंचना खासा मुश्किल होता
है। डकैतों के लिए बेधक और झलमल आदि जंगल ऐसे ही दुर्गम और सुरक्षित स्थान हैं। वहीं डकैतों से लोहा लेने
वाले करवरिया परिवार के हरिओम करवरिया का कहना है कि चित्रकूट के बीहड़ में स्थित झलमल, बेधक, हनुमान
चैक, बरदहाई नदी, टिकरिया, डोडामाफी के जंगल वो स्थान हैं जहां पानी की किल्लत कभी नहीं होती। पहाड़ों और
घाटियों से निकलते जल श्रोत गैंग की प्यास बुझाने के लिए काफी होते हैं। गैंग पानी की तलाश में इन इलाकों में
आता-जाता रहता है। लेकिन सटीक मुखबिर तंत्र की बदौलत दस्यु गैंग खाकी के पहुंचने से पहले ही बीहड़ में
विलीन हो जाता है। वहीं पिछले वर्ष साढ़े पांच लाख के कुख्यात ईनामी डकैत बबली गैंग एवं दो लाख के ईनामी
बदमाश लवलेश कोल के गैंगवार में मारे जाने के बाद पाठा क्षेत्र से डकैतों के आंतक का साम्राज्य पूरी तरह से
खत्म हो चुका है। बांदा-चित्रकूट सांसद आर के सिंह पटेल का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भगवान
श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट को पूरी तरह से दस्यु समस्या से निजात दिलाने का ऐतिहासिक कार्य किया है। दुर्दांत
डकैतों के खात्में के बाद से पाठा क्षेत्र में विकास की आस जगी है। धार्मिक और पौराणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण
पाठा क्षेत्र में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं है। सरकार द्वारा शबरी प्रताप, राद्यव प्रताव एवं धारकुंडी आश्रम
आदि तक दोहरी सड़कों का निर्माण कराये जाने से पर्यटकों की संख्या में अपेक्षा से कई गुना अधिक वृद्धि हुई है।
इसके अलावा रामायण सर्किट आदि योजनाओं के माध्यम से धर्म नगरी के सभी प्रमुख स्थलों को पर्यटन विकास
से जोडने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप भगवान श्रीराम की
तपोभूमि चित्रकूट के चहुमुखी विकास को संकल्पित जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय का कहना है कि चित्रकूट का
विकास शासन की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि आज चित्रकूट पूरी तरह से भयमुक्त हो चुका है। सभी
धार्मिक,पौराणिक,आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों को विकसित कर पर्यटन विकास से जोड़ा जा रहा है।
एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होते ही चित्रकूट हवाई सेवा से जुड़ जायेगा। जिससे विदेशी पर्यटकों का आवागमन बढ़ने
से पर्यटन एक रोजगार का प्रमुख जरिया बन जायेगा। वहीं पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल का कहना है कि चित्रकूट
जिला अब पूरी तरह से दस्यु के आतंक से मुक्त हो चुका है। सभी पर्यटन स्थलो पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये
गये है।


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