कोरोना वायरस में होने वाला उत्परिवर्तन, टीके के प्रति अधिक संवेदनशील : अध्ययन

asiakhabar.com | November 13, 2020 | 5:11 pm IST
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वाशिंगटन। कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस में होने वाली एक
सामान्य उत्परिवर्तन प्रक्रिया के कारण इसका प्रसार तेजी से होता है और इस उत्परिवर्तन की वजह से ही कोविड-
19 का संभावित टीका इस पर असर कर सकेगा। एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया। कोविड-19 के विकास
को समझने की दृष्टि से यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमेरिका के नार्थ कैरोलाइना
विश्वविद्यालय (यूएनसी), चैपल हिल और विस्कॉन्सिन-मेडिसन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि
कोरोना वायरस का नया ‘स्ट्रेन’ (डी614जी) यूरोप में उभरा और विश्व भर में फैल गया। ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित
अध्ययन में पता चला कि डी614जी तेजी से अपनी नकल बनाता है और वायरस से ज्यादा तेजी से प्रसारित हो
सकता है। इस स्ट्रेन का उद्भव, महामारी की शुरुआत में चीन में हुआ था। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि डी614जी
स्ट्रेन का पशुओं की किसी ज्यादा गंभीर बीमारी से वास्ता नहीं है और यह एंटीबॉडी उत्पन्न करने वाली दवाओं के
प्रति थोड़ा ज्यादा संवेदनशील है। यूएनसी के प्रोफेसर राल्फ बारिक ने कहा, “डी614जी वायरस उन कोशिकाओं में
अपने पूर्ववर्ती स्ट्रेन से 10 गुना अधिक तेज से फैलता है और नकल बनाता है जो मानव से मानव में संक्रमण के
लिए जिम्मेदार हैं।”


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