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हनोई। दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन ‘आसियान’ का शिखर सम्मेलन बृहस्पतिवार को
कोविड-19 महामारी की वजह से ऑनलाइन शुरू हुआ जिसके शुरुआती सत्र में वियतनाम के प्रधानमंत्री ने सदस्य
देशों के समक्ष मौजूद चुनौतियों को रेखांकित किया। एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन्स (आसियान) के
साल में दो बार होने वाले सम्मेलन में इस साल वियतनाम अध्यक्ष है और उम्मीद की जा रही है कि इस सम्मेलन
में दक्षिण चीन सागर विवाद, कोरोना वायरस की महामारी और कारोबार सहित विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित
किया जाएगा। कोविड-19 की समस्या इतनी विकट है कि इसकी वजह से कंबोडिया का प्रतिनिधित्व वहां के उप
प्रधानमंत्री कर रहे हैं क्योंकि देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे हुन सेन संक्रमित मंत्री के
संपर्क में आने की वजह से पृथकवास में हैं। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन
जुआन फुक ने इस साल उत्पन्न अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट और क्षेत्री अस्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया। उनका
संबोधन सदस्य देशों के नेताओं ने अपने-अपने देश में बैठकक सीधे प्रसारण के जरिये सुना। फुक ने करीब 200
वियतनामी अधिकारियों और विदेशी राजनयिकों के समक्ष कहा, ‘‘इस साल शांति और सुरक्षा अधिक खतरे का
सामना कर रही है क्योंकि देश और प्रमुख प्रतिद्वंद्वी ताकत के अपूर्वानुमेय व्यवहार का खतरा बढ़ता जा रहा है।
यह तनाव अंतरराष्ट्रीय बहुस्तरीय व्यवस्था के लिए खतरा है, गैर पारंपरिक सुरक्षा मुद्दा और कट्टरपंथ का उदय
भी चुनौती है।’’ उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार की बैठक में चीन, दक्षिण कोरिया और भारत के नेताओं के साथ
अलग से सम्मेलन का कार्यक्रम है।आसियान के नेताओं का जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदो सुगा के साथ भी यह
पहला सम्मेलन होगा।