नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी की ‘आप’ सरकार से बुधवार को
पूछा कि वह क्यों दो डॉक्टरों के अनुरोध के बावजूद कोविड-19 के रोकथाम और इलाज के लिए होमियापैथी की
दवाओं के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए सीसीआरएच को नहीं लिख रही है? आप सरकार की ओर से पेश
अधिवक्ता से न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यिम प्रसाद की पीठ ने कहा, ‘‘आप क्यों इसका
प्रतिकार कर रहे हैं? उनका (दिल्ली सरकार)इस सवाल पर निर्देश लें कि क्यों वे सीसीआरएच को इस बारे में नहीं
लिख रहे हैं।’’ पीठ ने यह निर्देश दिल्ली सरकार को मामले में पक्षकार बनाने के बाद दिया और अब इस मामले की
अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी। आयुष मंत्रालय और केंद्रीय होमियोपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) की
सलाह पर अदालत ने दिल्ली सरकार को पक्षकार बनाया। अदालत ने यह निर्देश होमियोपैथी के दो डॉक्टरों (एक
केरल का और दूसरा पश्चिम बंगाल)की याचिका पर दिया जिन्होंने आयुष मंत्रालय और सीसीआरएच को यह निर्देश
देने का अनुरोध किया कि वे होमियोपैथी की दवाओं से कोविड-19 मरीजों का इलाज करने की अनुमति दें अगर
मरीज इसकी इच्छा व्यक्त करता है। डॉक्टरों ने अदालत से अनुरोध किया था कि वह मंत्रालय और सीसीआरएच
को कोविड-19 मरीजों के इलाज में तीन दवाओं के इस्तेमाल के लिए चिकित्सकीय परीक्षण कराने का निर्देश दे।
याचिकाकर्ता के मुताबिक इसके लिए दिल्ली सहित राज्यों को सीसीआरएच को पत्र लिखना होगा।