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न्यूयार्क। राष्ट्रपति चुनाव में मतगणना में फर्जीवाड़े का दावा करते हुए सर्वोच्च न्यायालय
जाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के मद्देनजर एक मानवाधिकार संगठन ने बुधवार को कहा कि
अमेरिका की निर्वाचन प्रक्रिया को वोटों को तालिकाबद्ध करने में समय लगेगा। संगठन ने इस पर जोर दिया कि
“नेता तय नहीं करते कि कौन जीतेगा।” मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वाच’ की ओर से जारी एक वक्तव्य
में कहा गया कि अमेरिका की निर्वाचन प्रक्रिया के तहत तीन नवंबर को हुए आम चुनाव में पड़े मतों को
तालिकाबद्ध करने में समय लगेगा। इसके साथ ही संगठन ने चेताया कि मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया
कंपनियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ध्यान रखते हुए चुनाव से संबंधित गलत सूचना के प्रसार के प्रति सतर्क
रहना चाहिए। ‘ह्यूमन राइट्स वाच’ के कार्यकारी निदेशक केनेथ रॉथ ने कहा, “हाल के सप्ताहों और मतदान के
दिन लाखों अमेरिकी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।” उन्होंने कहा, “नेता यह तय नहीं करते कि
कौन जीत रहा है। चुनाव अधिकारी निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से मतगणना करवा रहे हैं जिससे पता चलेगा कि
किसे जीत हासिल हुई है।” कोविड-19 के कारण ‘मेल-इन’ मतों में अप्रत्याशित वृद्धि से मतगणना में देर हो रही
है। बुधवार सुबह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने झूठा दावा किया था कि वह चुनाव जीत गए हैं और उन्होंने निर्वाचन
प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का निराधार आरोप भी लगाया था। मानवाधिकार संस्था ने कहा कि सोशल मीडिया मंचों को
अपनी नीतियों के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ध्यान रखते हुए चुनाव से संबंधित गलत जानकारी को हटा
देना चाहिए या सीमित कर देना चाहिए। संगठन ने कहा कि मीडिया संस्थानों को चुनाव संबंधित खबरें देने के
मामले में सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि गलत जानकारी का प्रसार न हो।