पटना। बिहार में प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में नक्सल
प्रभावित गया जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता और कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, पूर्व
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के
वरिष्ठ नेता डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद यादव की प्रतिष्ठा दाव पर है।
गया जिले में चुनावी विसात बिछ चुकी है और सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने मोहरे सजा दिये हैं। एक ओर
जहां कई सियासी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है वहीं कुछ सीटों पर चुनावी रणभूमि में पहली बार हुंकार
भर रहे नये योद्धा सत्ता के नये सिकंदर बनने की ख्वाहिश रख रहे हैं। हाइप्रोफाइल गया नगर सीट से वर्ष 1990
से लगातार सात बार चुनाव जीत चुके भाजपा प्रत्याशी डॉ. प्रेम कुमार का मुकाबला कांग्रेस के अखौरी ओंकार नाथ
उर्फ मोहन श्रीवास्तव से माना जा रहा है। वहीं, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के टिकट पर पहली बार चुनाव
लड़ रहे रणधीर कुमार केसरी भी उन्हें चुनौती दे रहे हैं। वर्ष 2015 के चुनाव में डॉ. कुमार ने कांग्रेस के प्रियरंजन
को 22780 मतों के अंतर से मात दी थी। गया नगर सीट पर कुल 25 पुरुष और दो महिला समेत 27
उम्मीदवार मैदान में हैं।
इमामगंज (सुरक्षित) सीट पर एक बार फिर कब्जा जमाने उतरे हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम
मांझी और राजद प्रत्याशी उदय नारायाण चौधरी की प्रतिष्ठा दाव पर है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टिकट
पर पूर्व विधायक रामस्वरूप पासवान की पुत्रवधू एवं नवोदित प्रत्याशी कुमारी शोभा सिन्हा श्री मांझी और श्री चौधरी
को चुनौती दे रही हैं। श्री मांझी ने वर्ष 2015 में (जदयू) प्रत्याशी श्री चौधरी को 29408 मतों के अंतर से मात
दी थी। कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सिपहसालार रहे श्री चौधरी इस बार जदयू का साथ छोड़कर राजद का
‘लालटेन’ थाम चुके हैं। वहीं, श्री मांझी एक बार फिर से मुख्यमंत्री श्री कुमार के नेतृत्व वाले राजग में शामिल हो
गये हैं।