कोलंबो। कोविड-19 के मद्देनजर कड़े स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों के साथ श्रीलंका में 20
अगस्त से नयी संसद का पहला सत्र शुरू होगा। इस दौरान किसी भी दर्शक को आने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
श्रीलंका एशिया के उन कुछ देशों में से एक है, जहां कोरोना वायरस महामारी के बीच आम चुनाव आयोजित किए
गए ।श्रीलंका में कोविड-19 के कुल 2844 मामले हैं, जिनमें से 2579 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 11 लोगों
की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके छोटे भाई व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली
श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) ने पांच अगस्त को हुए आम चुनाव में 225 सदस्यीय संसद में दो-तिहाई
बहुमत हासिल किया था। एसएलपीपी सरकार के संसद में 150 सदस्य निर्वाचित हुए जबकि विपक्ष 75 सदस्यों
पर सिमट गया। महिंदा राजपक्षे ने रविवार को ही श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की थी।संसद
के सार्जेंट-एट-आर्म्स नरेन्द्र फर्नांडो ने कहा, ‘‘हम पूरे संसदीय सत्र में कड़े स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का पालन
करेंगे।’’उन्होंने कहा कि संसद का नया सत्र 20 अगस्त से शुरू होगा।उन्होंने कहा, ‘‘संसद कक्ष में सीटों के बीच
एक मीटर की दूरी नहीं है। इसलिए सामाजिक दूरी के एक मीटर के नियम का पालन करना मुश्किल होगा। सभी
सांसदों से सदन को संबोधित करते हुए मास्क पहनने को कहा गया है।’’उन्होंने कहा कि हाथ धोने जैसे अन्य
स्वास्थ्य नियमों का भी पालन किया जाएगा। फर्नांडो ने कहा, ‘‘सार्वजनिक गलियारे नहीं खुलेंगे और दर्शकों को
वहां आने की अनुमति नहीं होगी।’’ सिंगापुर के अलावा श्रीलंका भी एशिया के उन चंद देशों में शामिल है जहां
कोरोना वायरस महामारी के बीच आम चुनाव कराए।