तरुण शर्मा
नई दिल्ली। पहले क्वारंटीन और होम आइसोलेशन में रहने वाले हेल्थ केयर वर्कर्स की
सैलरी कट जाती थी जो अब नहीं कटेगी. डॉक्टर आरुषि जैन ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर एक याचिका दायर की
थी जिस पर फैसला आया है. इस फैसले का हेल्थ केयर वर्कर्स ने स्वागत किया है. डॉक्टर्स की सबसे बड़ी दिक्कत
यह थी जब कोरोना काल में कोरोना के डर से लोग अपने अपने घरों में बैठे हुए थे तब अपनी जान को जोखिम में
डालकर खतरनाक वायरस का सामना करते हुए मरीजों का इलाज करने में जुटे हुए थे. इसके बावजूद जब उन्हें 1
सप्ताह या 14 दिन के लिए जरूरी क्वारंटीन पर भेजा जाता था तो इस दौरान के पैसे उनकी सैलरी से काट लिए
जाते थे. इसका सभी हेल्थकेयर वर्कर्स ने विरोध किया. यह मामला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में भी उठाया गया.
जब कोई राहत नहीं मिली तो डॉक्टर आरुषि जैन ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर की एक याचिका दायर कर दी.
अब स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने भी इसको लेकर के एक नोटिफिकेशन निकाला है और सभी अस्पतालों को
स्पष्ट निर्देश दिया है कि आइसोलेशन या क्वारंटीन पर भेजे गए किसी भी हेल्थ वर्कर्स की सैलरी नहीं कटनी
चाहिए. एम्स के डॉक्टर ने स्वास्थ्य मंत्रालय के इस फैसले का स्वागत किया है. कार्डियो-रेडियो डिपार्टमेंट के
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अमरिंदर सिंह ने डॉक्टर आरुषि जैन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि डॉ आरुषि
बधाई की पात्र हैं. उन्होंने हेल्थ केयर वर्कर की समस्याओं को समझा और न्याय के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट की
तरफ रुख किया, जहां से उन्हें न्याय मिला. अब सभी हेल्थ केयर वर्कर्स आइसोलेशन और क्वारंटीन के दौरान भी
ऑन ड्यूटी माने जाएंगे और उनकी सैलरी नहीं कटेगी. डॉ अमरिंदर सिंह ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए हम
सुप्रीम कोर्ट के वकील मधु जैन और डॉक्टर आरूषी जैन के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके
प्रयासों से ही हेल्थ केयर वर्कर्स को न्याय मिल पाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेट्री लव अग्रवाल के
प्रति भी हम आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स की समस्याओं को समझा और उनकी
सैलरी नहीं काटने देने का निर्देश जारी कर उन्हें बड़ी राहत दी है.