एजेंसी
बेरूत। लेबनान के सीमा शुल्क अधिकारियों, सेना, सुरक्षा एजेंसियों और न्यायपालिका के
अधिकारियों ने पिछले छह वर्ष में कम से कम 10 बार इस बात को लेकर चेतावनी दी थी कि बेरूत के बंदरगाह
में विस्फोटक रसायनों का जखीरा पड़ा है और उसकी सुरक्षा लगभग न के बराबर है। हाल में सामने आए कुछ
दस्तावेजों से यह पता चलता है। इन चेतावनियों पर जरा भी गौर नहीं किया गया और मंगलवार को 2,750 टन
अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट हो गया जिससे देश के मुख्य वाणिज्यिक केंद्र में भयंकर तबाही मची तथा हर तरफ
मौत और बर्बादी के मंजर देखे गए। राष्ट्रपति मिचेल औन ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें करीब तीन हफ्ते पहले
खतरनाक रसायन भंडार के बारे में जानकारी दी गई थी और उन्होंने फौरन सैन्य तथा सुरक्षा एजेंसियों को
आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी जिम्मेदारी वहां खत्म हो गई थी
क्योंकि बंदरगाह पर उनका कोई अधिकार नहीं है। जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या उन्होंने यह देखा कि उनके
आदेश का अनुपालन हुआ या नहीं, इस पर राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि कितनी सारी समस्याएं इकट्ठी
हो गई हैं?’’ विस्फोट के बाद से सोशल मीडिया पर चल रहे दस्तावेजों में लेबनान के लंबे समय से सत्तारूढ़
राजनीतिक कुलीनतंत्र के भ्रष्टाचार, लापरवाही और अक्षमता तथा लोगों को सुरक्षा समेत मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध
कराने में विफलता की बातें सामने आयी हैं। विस्फोट की जांच कर रहे जांचकर्ताओं की नजर बेरूत बंदरगाह के
कर्मचारियों पर है। अभी तक बंदरगाह के कम से कम 16 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है तथा अन्य से
पूछताछ चल रही है। जांचकर्ताओं ने शुक्रवार को बंदरगाह के प्रमुख हसन कोरेयतम, देश के सीमा शुल्क प्रमुख
बदरी दहर और दहर के पूर्ववर्ती को हिरासत में लेने का आदेश दिया। यह लेबनान के इतिहास में अब तक का
सबसे बड़ा विस्फोट था जिसमें 154 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,000 से अधिक लोग घायल हैं। राष्ट्रपति
की टिप्पणियां इस बात की तस्दीक करती हैं कि शीर्ष नेताओं को रासायनिक भंडार की जानकारी थी। उन्होंने एक
संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘रासायनिक भंडार वहां सात वर्ष से था। उन्होंने कहा कि यह खतरनाक है और मैं
जिम्मेदार नहीं हूं। मुझे नहीं मालूम था कि यह कहां रखा था। मुझे खतरे का स्तर तक मालूम नहीं था। मेरे पास
बंदरगाह के मामलों से सीधे तौर पर निपटने का कोई अधिकार नहीं है।’’ औन ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि
लापरवाही के चलते विस्फोट हुआ हो लेकिन किसी बम या अन्य ‘‘बाहरी हस्तक्षेप’’ की आशंका से भी जांच होनी
चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने फ्रांस से उपग्रह से ली तस्वीरें भेजने के लिए कहा है ताकि यह देखा जा सके कि
क्या विस्फोट के वक्त वहां कोई विमान या मिसाइल देखी गई।