शिवा गोयल
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस विधायकों के जैसलमेर में बाड़ाबंदी के बाद भारतीय जनता
पार्टी (भाजपा) ने भी सतर्कता बरतते हुए दक्षिणी राजस्थान के अपने सभी विधायकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा
है।
14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के पहले 11 अगस्त को छह बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) विधायकों
के कांग्रेस में शामिल होने के बारे में उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद राजनीतिक गतिविधियां ओर तेज हो
जाएगी। लेकिन इससे पहले कांग्रेस की तरह भाजपा भी अपने विधायकों पर निगरानी कर रही है। भाजपा ने बारह
विधायकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है उनमें पूराराम चौधरी, सम्पतलाल, बाबूलाल खराडी, प्रताप गमेती,
समाराम गरासिया आदि शामिल हैं। यह भी बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक अभी गुजरात में हैं।
विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने बताया कि पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों को पहले ही यह निर्देश दिए जा चुके हैं
कि वह क्षेत्र के विधायकों के बारे में पूरी जानकारी रखें। इस आधार पर इन विधायकों को जरूरत पड़ने पर तत्काल
बुलाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि भाजपा के 72 एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोसपा) के तीन विधायकों सहित कुल 75
विधायक एकजुट है। 11 अगस्त को बसपा विधायकों के बारे में फैसला आने के बाद विधानसभा में अपनाई जाने
वाली रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दिल्ली से जयपुर लौटने के बारे में पुछे गए सवाल पर श्री कटारिया ने कहा कि पार्टी
के सभी नेता एकजुट है तथा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां भी राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखते हुए
कांग्रेस को घेरने का प्रयास कर रहे हैं।
इधर कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के सी वेणुगोपाल तथा वरिष्ठ नेता अजय माकन एवं प्रदेश प्रभारी
अविनाश पांडे जैसलमेर में एक पंचसितारा होटल में विधायकों के साथ घेरा डाले हुए हैं।
बसपा से कांग्रेस आए छह विधायकों को उच्च न्यायालय का कारण बताओं नोटिस मिल चुका है, जिस पर कानुनी
विशेषज्ञों की राय ली जा रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सरकारी कामकाज निपटाने के साथ ही विधानसभा में अपनाई जाने वाली रणनीति
बना रहे हैं।