संदीप चोपड़ा
नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को सिविल लाइंस में
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास तक ‘न्याय मार्च’ निकालकर सफाई कर्मचारियों, डॉक्टरों, नर्सों, नगर
निगमों के शिक्षकों तथा अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारियों को वेतन देने की मांग की। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष
चौ. अनिल कुमार और एआईसीसी प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल समेत प्रदर्शनकारियों को फ्लैगस्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री
के आवास के समीप अवरोधक लगाकर पुलिस ने रोक दिया। दिल्ली कांग्रेस नेता परवेज आलम ने बताया कि बाद
में मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन उनके आवास पर अधिकारियों को सौंपा गया।
इस मौके पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी शक्ति सिन्ह गोहिल ने कहा कि कोरोना यौद्धा जैसे
स्वच्छता कर्मचारी, डाक्टर, नर्से, सिविल डिफेंस तथा अन्य सभी दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के ऑख,
कान व अन्य अंग है, इनके द्वारा ही सरकारी व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाने और कोविड-19 महामारी के
खिलाफ लड़ाई में सफलता मिल सकती। गोहिल ने कहा कि कर्मचारियों को वेतन और अन्य भत्तें देकर उन्हें
प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें कोविड-19 के खिलाफ एकजुट लड़ाई के लिए उत्साहपूर्वक कार्य करने सक्षम
बनाऐं। कोविड-19 से लाखों लोग बर्बाद हो चुके है, नौकरी की कमी के कारण अजीविका के अन्य स्रोतों की भी
भारी कमी है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण भय और संकट झेल रहे दिल्ली सरकार व दिल्ली
नगर निगम के कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों को कर्तव्यपूर्ण निर्वाह कर रहे है और सैकड़ों कर्मचारी कोरोना
पाजिटिव भी हुए है तथा निगम के लगभग 20 अधिक सफाई कर्मचारियों की कोरोना के चलते ड्यूटी पर मृत्यु भी
हो गई। उन्होंने कहा अन्य कोरोना यौद्धाओं की भांति कोविड-19 के तहत ड्यूटी कर रहे निगम कर्मचारियों को
कोरोना यौद्धाओं का सम्मान दिया जाना चाहिए और निगम के मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को एक-एक करोड़
रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए, परिवार के एक व्यक्ति को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी भी दी जानी
चाहिए। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कोरोना यौद्धाओं की मृत्यु होने पर उन्हें एक करोड़ रुपये
मुआवजे की घोषणा की थी।
चौ. अनिल कुमार ने मांग की कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के अन्तर्गत काम करने वाले सफाई
कर्मचारियों, माली, गार्ड, डी.बी.सी. चैकर, शिक्षक, नर्स, सिविल डिफेंस, मार्शल को रुका हुआ वेतन तुरंत दिलवाया
जाए और दिल्ली सरकार के अनुदान से चलने वाले 12 कॉलेजों के अध्यापक एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को
तुरंत प्रभाव से रुका हुआ वेतन दिया जाये। दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की सीनियोरिटी के लिए उनकी
नियुक्ति की तारीख 2013 की बजाय 2004 से तय की जाए तथा कर्मचारियों को 9 साल का एरियर तत्काल
भुगतान किया जाये।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम में लगभग 20 साल से दैनिक भत्ते पर काम
करने वाले सफाई कर्मचारियों, अस्थायी रुप में काम करने वाले होम गार्ड, माली, सिविल डिफेंस, मार्शल को
नियमित किया जाए। ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को ठेकेदारी प्रथा समाप्त करके उन्हें स्थाई कर्मचारी के
रुप में नियुक्त किया जाए। चौ. अनिल कुमार ने कहा कोरोना काल में दिल्ली की बदहाली और सफाई कर्मचारियों
की कमी को पूरी करने के लिए नई भर्ती भी की जाना चाहिए। चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम
के सेवानिवृत कर्मचारियों को मिलने वाली राशि को तुरंत दिया जाए। कोरोना यौद्धाओं की भांति मिलने वाले
एमरजेन्सी भत्ते की तरह निगमों के सफाई एवं अन्य कर्मचारियों को भी भत्ता दिया जाए। सभी कर्मचारियों को
मेडिकल सुविधाओं के साथ कैशलेस कार्ड की सुविधा भी मिलनी चाहिए।