अनिल वर्मा
गाजीपुर। उत्तर प्रदेश में गाजीपुर के पूर्व सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा
को जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल मनोनीत किये जाने से पूर्वांचल में खुशी की लहर दौड़ गयी है।
गंवई माटी में जन्मे श्री सिन्हा बेहद मिलनसार स्वाभाव के लिये जाने जाते हैं। सिन्हा से गांव का एक सामान्य
व्यक्ति भी गले लगकर अपनी बात संजीदगी के साथ कर लेता है। साफ़-सुथरी छवि के मनोज सिन्हा का जन्म का
जन्म 1 जुलाई 1959 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहनपुरा में हुआ। श्री सिन्हा ने गाजीपुर से ही अपनी
स्कूली शिक्षा हासिल की और फिर बीएचयू स्थित आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद
मनोज सिन्हा ने एमटेक की डिग्री भी हासिल किया। लोगों के सुख-दुख में शामिल होने वाले मनोज सिन्हा का
रुझान छात्र जीवन से ही राजनीति की तरफ रहा। वर्ष 1982 में मनोज सिन्हा बीएचयू छात्रसंघ के अध्यक्ष भी
बने।
श्री सिन्हा छात्र राजनीति के बाद सक्रिय राजनीति के रूप में गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से अपनी राजनीति शुरू की
जहां में तीन बार सांसद रहे। इस दौरान वर्ष 2014 में सांसद बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई
वाली सरकार में रेल राज्य मंत्री के रूप में उनका गौरवशाली कार्यकाल रहा। इसके साथ ही उन्हें संचार मंत्रालय
स्वतंत्र प्रभार का अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई थी। खास बात यह कि रेल राज्य मंत्री रहते हुए मनोज सिन्हा
द्वारा पूर्वी उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूर्वी भारत में रेल का मजबूत नेटवर्क तैयार करते हुए आमूलचूल परिवर्तन
किए। उनके द्वारा कराए गए तमाम विकास कार्यों के चलते उनकी छवि विकास पुरुष के रूप में बन गई, व लोग
में विकास पुरुष के नाम से जानने लगे।
लोकसभा चुनाव 2019 में गाजीपुर लोकसभा सीट से ही तमाम विकास कार्य कराए जाने के बावजूद उन्हें सपा
बसपा गठबंधन प्रत्याशी के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद वह अपने क्षेत्र में लगे रहे।