राकेश
मुंबई। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद सोशल मीडिया पर अलग
अलग मुद्दों पर बहस छिड़ी हुई है। इसी बीच, नेपोटिज्म को लेकर भी बात हो रही है, जिसमें स्टार किड्स को
निशाने पर भी लिया जा रहा है। इस संदर्भ में कई स्टार्स की प्रतिक्रिया भी सामने आई है, जिसमें करीना कपूर का
नाम भी जुड़ गया है। अब करीना कपूर ने भी नेपोटिज़्म को लेकर अपना पक्ष रखा है और कहा है कि नेपोटिज़्म
से कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ता है।
करीना कपूर ने हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में कहा है कि नेपोटिज़्म पर जारी बहस अजीब है और सिर्फ एक
ऑडियंस है, जो किसी इंसाइडर को स्टार बनाती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनका स्ट्रगल उन लोगों की
तरह उतना रोचक नहीं है, जो 10 रुपये लेकर ट्रेन में आते हैं और इंडस्ट्री में आ जाते हैं। मोजो स्टोरी को दिए
एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने बताया, '21 साल तक काम सिर्फ नेपोटिज़्म से नहीं होता। यह संभव नहीं है। मैं उन
सुपरस्टार्स के बच्चों की लंबी सूची बना सकती हूं, जो इस तरह से कुछ खास नहीं कर पाए।'
अपने बैकग्राउंड को लेकर करीना कपूर ने कहा, 'यह अजीब लग सकता है लेकिन शायद मैंने भी वही स्ट्रगल किया
है। मेरा स्ट्रगल है, लेकिन यह उतना दिलचस्प नहीं है, जितना उस शख्स का होता है, जो ट्रेन में सिर्फ 10 रुपये
लेकर आता है। हां, यह ऐसा नहीं है और मैं इसके बारे में क्षमाप्रार्थी नहीं हो सकती। साथ ही उन्होंने कहा कि
किसी भी इंसाइडर और आउटसाइडर को रखने की ताकत ऑडियंस के पास होती है। करीना ने ये भी कहा कि कोई
भी किसी को अच्छे बैकग्राउंट की वजह से फिल्म देखने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।
एक्ट्रेस ने कहा, 'दर्शकों ने हमें बनाया है, किसी और ने हमें नहीं बनाया है। आज उंगलियां उठाने वाले वो ही लोग
हैं, जिन्होंने नेपोटिस्टिक स्टार्स को बनाया है। आप जा रे हो ना फिल्म देखने? मत जाओ। किसी ने आपको
मजबूर नहीं किया। इसलिए मैं यह नहीं समझती। मुझे लगता है कि यह पूरी बहस पूरी तरह से अजीब है। बात
यह है कि आज हमारे कई सबसे बड़े सितारे है, चाहे वो अक्षय कुमार हों या शाहरुख खान या आयुष्मान खुराना या
राजकुमार राव, वो सभी बाहरी हैं।'
एक्ट्रेस ने आगे कहा कि वो सफल अभिनेता हैं, क्योंकि उन्होंने कड़ी मेहनत की है। चाहे वो आलिया भट्ट हो या
करीना कपूर, हमने भी कड़ी मेहनत की है। आप हमें देख रहे हैं और हमारी फिल्मों का आनंद ले रहे हैं। इसलिए,
सिर्फ दर्शक ही हैं, हमारे बनाते हैं।'