नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि
पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शनिवार को कहा कि अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज बुलंद कर उन्होंने स्वराज का जो
नारा दिया उसने देश में नया साहस और विश्वास जगाया। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की आज 100वीं
पुण्यतिथि है। श्री शाह ने श्रद्धांजलि देते हुए कई ट्वीट किए और लिखा,"लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी का
स्वतंत्रता आन्दोलन में अतुलनीय योगदान है, उन्होंने अपने जीवन का क्षण-क्षण राष्ट्र को समर्पित कर क्रांतिकारियों
की एक वैचारिक पीढ़ी तैयार की। अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज बुलंद कर उन्होंने स्वराज का जो नारा दिया उसने देश
में नया साहस और विश्वास जगाया।" उन्होंने कहा, "लोकमान्य तिलक भारतीय संस्कृति व उसकी चेतना की
आत्मा हैं। वह अस्पृश्यता के प्रबल विरोधी थे। उन्होंने जाति और संप्रदायों में बंटे समाज को एक बनाने के लिए
बड़ा आंदोलन चलाया। अंग्रेजों से डरे लोगों को स्वाधीनता के लिए प्रेरित करने के लिए तिलक जी ने ही सार्वजनिक
गणेश उत्सव शुरू किया।" गृहमंत्री ने आगे लिखा, "लोकमान्य तिलक जी का अध्ययन असीमित था, उनके
विचारों, कृतित्व और शोधों में उनके गहन चिंतन को साफ देखा जा सकता है। उनका मानना था कि जब देश
गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हो तब भक्ति और मोक्ष नहीं, कर्मयोग की जरूरत होती है। ऐसे वीर नायक की
100वीं पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।"