अंतरिक्ष कंसल
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। मरीजों
को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके इस मकसद से राजधानी के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में प्लाज्मा बैंक
बनाया जा रहा है। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। इस बैंक केा समृद्घ बनाने के लिए प्लाज्मा डोनेशन अभियान
भी चलाया जाएगा। कोरोना मरीजों के उपचार में प्लाज्मा थैरेपी को बडा मददगार माना गया है। देश के अनेक
हिस्सों के साथ इंदौर में भी प्लाज्मा थैरेपी से मरीजों का उपचार किया गया हैं और एक निजी चिकित्सा
महाविद्यालय प्जाज्मा बैंक भी बनाया गया है। इस थैरेपी को मिली सफलता के चलते इंडियन काउंसिलिंग ऑफ
मेडिकल रिसर्च ने आवश्यक कदम उठाए हैं। देश में सौ स्थानों पर प्लाज्मा बैंक बनाने की मंजूरी दी है जिसमें एक
भोपाल भी है। भोपाल के संभागायुक्त कवींद्र कियावत ने बताया है कि भोपाल में कोविड-19 संक्रमित लोगों के
प्लाज्मा थैरेपी उपचार के लिए प्लाज्मा डोनेशन अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान में कोविड-19 संक्रमण के
उपचार के बाद ठीक हो चुके व्यक्तियों को उनका प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। गांधी मेडिकल
कलेज के प्लाज्मा बैंक में आई़सी़एम़आर और शासन के मानकों का पालन करते हुये प्लाज्मा संग्रह किया जायेगा।
राज्य सहित भोपाल की स्थिति पर गौर करें तो एक बात सामने आती है कि यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या में
तेजी से इजाफा हो रहा है, वहीं स्वस्थ होने वाले मरीजों का आंकड़ा उसके मुकाबले कहीं कम हो रहा है। राज्य में
मरीजों की संख्या बढ़कर 28589 हो गई है। राजधानी में पिछले कुछ दिनों से सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे
है। वहीं उसके मुकाबले स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। यही कारण है कि प्लाज्मा थैरेपी
पर जो दिया जा रहा है। राज्य में केारोना संक्रमण सबसे ज्यादा भोपाल और इंदौर में असर कर रहा है और कोरोना
से कुल अब तक 820 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से आधे से अधिक मौतें सिर्फ इंदौर और भोपाल में हुई
है। इंदौर में 304 और भोपाल में 159 मौते हुई है। कुल मिलाकर इन दो जिलों में अब तक 463 मौतें हो चुकी
है। प्रशासनिक स्तर पर तय किया गया है कि संक्रमित व्यक्तियों के उपचार के 28 दिन बाद उन्हें प्रेरित कर
प्लाज्मा डोनेशन के लिय तैयार किया जाए, उन्हें यह समझाएं कि उनके छोटे प्रयास से किसी व्यक्ति का जीवन
बच सकता है। इस अभियान केा सफल बनाने के लिए एनजीओ एवं अन्य सामाजिक संगठनों की भी मदद ली
जाएगी। इसके साथ ही डोनेशन देने वाले व्यक्तियों की भावनाओं का खास तौर पर ध्यान रखा जाएगा, ताकि उसे
किसी तरह का आघात न पहुंचे। इसके लिए वन टू वन काउंसिलिंग की जाएगी, इसके लिए उनकी सहमति ली
जाएगी, इसके साथ ही सुविधानुसार प्लाज्मा डोनेशन के सारे मानकों का पालन करें।