हैदराबाद। भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत एक पंथनिरपेक्ष राष्ट्र है। देश में विभिन्न धर्म, पंथ, संप्रदाय के अनुयायिओं के होते हुए भी सबको अपने रीति-रिवाज, संस्कृति तथा धार्मिक क्रिया कलाप करने की पुरी छूट है।
लगभग सभी धर्मों में विवाह के लिए भी अपनी एक विशेष शैली होती है। प्रत्येक के जीवन में विवाह का आयोजन एक विशेष महत्व रखता है। कुछ लोग एेसे भी होते हैं जो कि विवाह को यादगार तथा अद्वितीय बनाने के चक्कर में यह भूल जाते हैं कि उनकी सीमा कहां खत्म हो रही है।
हम आपको एक एेसी ही अनोखी शादी के बारें में बताने जा रहे हैं जो कि आन्ध्र प्रदेश के तानुकू जिले में हुई है।
यहां विवाह समारोह में दुल्हा और दुल्हन के साथ उनके माता-पिता भी भगवान के वेशभूषा में तैयार हुए थे। विवाह समारोह में दुल्हन धन की देवी लक्ष्मी के अनुसार पोशाक पहने बैठी हुई थी जबकि दूल्हा भगवान विष्णु के रुप में सजा हुआ था।
इस समारोह में सम्मिलित होने वाले सभी लोग दूल्हे-दुल्हन के कपड़े को लेकर बहुत अचंभित थे। यह श्रीधर स्वामी थे जिनका आश्रम आंध्र प्रदेश के तानुकू जिले में स्थित मुक्कुमाला में स्थित है।