विनय गुप्ता
नई दिल्ली। चीन के साथ बॉर्डर पर चल रहे तनाव के बीच दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार
सुबह लेह पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सबसे पहले स्टाकना गए, जहां उन्होंने सशस्त्र बलों की पैरा ड्रापिंग देखी
और स्कूपिंग हथियारों के गवाह बने। रक्षामंत्री के सामने लेह में भारतीय सेना और वायु सेना ने संयुक्त अभ्यास
करके अपनी ताकत दिखाई। रक्षामंत्री भारतीय सेना के एक खास कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके सामने लेह में
भारतीय सेना और वायु सेना ने संयुक्त अभ्यास करके अपनी ताकत दिखाई। राजनाथ सिंह ने यहां सेना प्रमुख
जनरल एमएम नरवणे के बगल में खड़े होकर खुद बंदूक संभाली और निशाना साधा। स्टाकना (लेह) में रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह सेना की उत्तरी कमान के कई वरिष्ठ अधिकारियों से मिले। सेना के अधिकारियों के साथ राजनाथ ने
यहां काफी बातचीत की। इसके अलावा कार्यक्रम में शामिल हुए सैन्यकर्मी भी रक्षामंत्री से बात करते दिखे। उन्होंने
इसी बीच सेना की पीका मशीन गन की जांच की और अधिकारियों से इसके बारे में जानकारी भी ली। चीफ ऑफ
डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की मौजूदगी में अभ्यास के दौरान
भारतीय वायुसेना के विमानों ने उड़ान भरी। पैरा कमांडो ने जमीन से निकलकर दुश्मन से दो-दो हाथ करने का
प्रदर्शन किया। भारतीय सेना के टी-90 टैंक और बीएमपी पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों ने भी प्रदर्शन किया। आधे
घंटे के इस कार्यक्रम में सेना ने टैंकों का प्रदर्शन करके दिखाया कि वे हर तरह की स्थितियों से निपटने में सक्षम
हैं। टैंकों ने स्मोक स्क्रीन बनाकर खुद छिपाने और वार करने का प्रदर्शन करने के बाद आखिर में टैंक पर तिरंगा
लहराकर कार्यक्रम का समापन किया। सेना के जवानों ने यहां पर शौर्य प्रदर्शन के कई करतब दिखाए जिसकी
रक्षामंत्री और सैन्य अधिकारियों ने सराहना की। रक्षामंत्री आज दिन भर लेह-लद्दाख में ही रहेंगे।वह लेह स्थित
सेना की 14वीं कोर भी जाएंगे और सैन्य कमांड व अन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे पूर्वी
लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जाएंगे, जहां पर चीन बॉर्डर की स्थिति का जायजा लेंगे। वह
चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र की अग्रिम चौकियों का भी दौरा
करेंगे। रक्षामंत्री अपने दौरे के दूसरे दिन शनिवार को जम्मू-कश्मीर जाएंगे और पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा
(एलओसी) जाकर पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात भारतीय सैनिकों की तैयारियों की जानकारी भी लेंगे। वह द्रास
सेक्टर की अग्रिम चौकियों का भी निरीक्षण करने जा सकते हैं।