नई दिल्ली। सरकार जल्द ही होम्योपैथिक डॉक्टरों को प्रैक्टिस करने वाले क्लीनिक से दवाओं को बेचने पर प्रतिबंध लगा सकती है। नया नियम बना लिया गया है और सरकार जल्दी ही इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकती है।
सरकार द्वारा प्रस्तावित नए नियमों में कहा गया है कि होम्योपैथिक डॉक्टर अपने परिसर में दवाइयां नहीं बेच पाएंगे। नए ड्राफ्ट नियमों के मुताबिक कोई पंजीकृत होम्योपैथिक चिकित्सक केवल दवाएं लिख सकते हैं, उन्हें बेच नहीं सकते।
अधिकारियों का कहना है कि होम्योपैथिक डॉक्टरों के दवाओं को बेचने की शिकायत मिलने के बाद यह मसौदा तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह भी देखने में आ रहा है कि कई फार्मासिस्ट्स ने परामर्श के लिए अपनी दुकान में होम्योपैथिक डॉक्टरों को बैठाना भी शुरू कर दिया है।
इसी तरह होम्योपैथी चिकित्सकों ने दवाइयों को लिखने के साथ ही उन्हें अपने काउंटर से बेचना भी शुरू कर दिया है। नए मसौदे के एक नियम में कहा गया है कि ऐलोपैथिक दवाइयां बेच रहे केमिस्टों को होम्योपैथिक दवाइयां बेचने की भी इजाजत होगी।
इसके लिए उन्हें अलग से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी। प्रस्तावित मसौदा उन लोगों पर भी कार्रवाई करने की बात कही गई है, जो होम्योपथी के लिए अयोग्य होते हुए भी प्रैक्टिस कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि दवाएं मुहर के साथ छोटी मात्रा वाली पैकिंग में बेची जाएंगी।
इन दवाओं को एलोपैथिक दवाओं से अलग स्टोर करना होगा। ड्रग तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) की उप समिति के सह-अध्यक्ष और केंद्रीय काउंसिल ऑफ होम्योपैथी (सीसीएच) के महानिदेशक डॉ आरके मनचंदा ने कहा कि नए नियम होम्योपैथिक दवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करेंगे।