सारांश गुप्ता
हांगकांग। हांगकांग की नेता कैरी लैम ने औपनिवेशिक ब्रिटेन से इस अर्द्धस्वायत्त क्षेत्र को
सौंपे जाने की वर्षगांठ पर बुधवार को अपने भाषण में यहां चीन की केंद्र सरकार के नए सुरक्षा कानून को लागू
किए जाने का कड़ा समर्थन किया। लैम ने कहा, ‘‘हांगकांग की स्थिरता को बनाए रखने के लिए यह फैसला
आवश्यक था और समय रहते हुए लिया गया।’’ इस बीच लोकतंत्र समर्थक राजनीतिक दल ‘द लीग ऑफ सोशल
डेमोक्रेट्स’ ने लैम के भाषण से पहले एक प्रदर्शन मार्च निकाला। इसमें भाग लेने वाले लोगों ने राजनीतिक सुधार
और कथित पुलिस अत्याचारों की जांच की पिछले साल के प्रदर्शनकारियों की मांगों को दोहराते हुए नारे लगाए। इस
कानून में पिछले साल सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने संबंधी प्रावधान शामिल हैं। प्रदर्शनों में
सरकार के कार्यालयों और पुलिस थानों पर हमला, सबवे स्टेशनों को नुकसान पहुंचना और शहर का अंतरराष्ट्रीय
हवाईअड्डा बंद करना शामिल है। इसमें कहा गया है कि अलगाववादी गतिविधियों में भाग लेना इस नए काननू का
उल्लंघन होगा। यह कानून ऐसे समय में पारित हुआ है जब हांगकांग की विधायिका ने जून की शुरुआत में चीन के
राष्ट्रगान का अपमान करना गैरकानूनी घोषित किया था। वैश्विक आक्रोश और पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हांगकांग में
नाराजगी के बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को उस विवादित सुरक्षा कानून पर हस्ताक्षर कर दिए
जोकि हांगकांग के संबंध में बीजिंग को नयी शक्तियां प्रदान करता है। चीन ने हांगकांग में अलगाववाद और
पृथकतावादी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने के लिए विवादित कानून को मंजूरी दे दी। इस कानून
की वजह से लोगों में डर है कि इसका इस्तेमाल इस अर्द्धस्वायत्त क्षेत्र में विरोध की आवाजों को दबाने के लिए
किया जा सकता है। वहीं अमेरिका ने हांगकांग में विवादित नए सुरक्षा कानून को लागू करने के कदम को लेकर
चीन की आलोचना की। विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि यह इस क्षेत्र के लोगों के लिए ‘‘दुखद दिन’’ है और
उन्होंने बीजिंग को इसके नतीजे भुगतने की चेतावनी दी। पोम्पिओ ने मंगलवार को कड़े शब्दों में दिए बयान में
कहा, ‘‘हांगकांग में कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का फैसला इस क्षेत्र की
स्वायत्तता को नष्ट करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हांगकांग ने दुनिया को दिखाया कि आजाद चीनी लोग क्या हासिल
कर सकते हैं – यह दुनिया में सबसे सफल अर्थव्यवस्थाओं और गतिशील समाजों में से एक है।’’ पोम्पिओ ने कहा
कि लेकिन बीजिंग के अपने ही लोगों की महत्वाकांक्षाओं के ‘डरने’ से इस क्षेत्र की सफलता की नींव कमजोर हुई है
जिसने ‘एक देश, दो व्यवस्था’ को ‘एक देश, एक व्यवस्था’ में बदल दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘आज हांगकांग और
चीन के आजादी पसंद लोगों के लिए दुखद दिन है।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका हांगकांग के आजादी पसंद
लोगों के साथ खड़ा रहेगा और भाषण, प्रेस तथा एकत्रित होने की आजादी के साथ-साथ कानून की व्यवस्था पर
बीजिंग के हमलों का जवाब देगा।