सिंगापुर। सिंगापुर में हिंदू मंदिर के पूर्व अधिकारी पर यहां की एक अदालत में आरोप तय
किए गए हैं जो धोखाधड़ी समेत अन्य अपराधों के लिए अयोग्य करार दिए जाने के बावजूद मंदिर के बोर्ड के
सदस्य के तौर पर काम कर रहा था। अखबार ‘स्ट्रेट्स टाइम्स’ की बृहस्पतिवार की खबर के मुताबिक रथ कृष्णम
सेल्वाकुमार (64) पर बुधवार को आरोप तय किए गए कि नौ मई, 2017 को विदेशी श्रम रोजगार कानून के
तहत धोखाधड़ी समेत 10 अपराधों में दोषी ठहराए जाने के बावजूद वह श्री वीरमकलियाम्मन मंदिर के संचालन
बोर्ड के सदस्य के तौर पर काम करता रहा। खबर के मुताबिक पुलिस ने बुधवार को कहा कि सेल्वाकुमार नौ मई,
2017 से 30 अप्रैल, 2018 के बीच अयोग्य ठहराए जाने के दौरान भी मंदिर के सचिव एवं न्यासी के तौर पर
बना रहा। मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई के लिए निर्धारित है। अयोग्य रहने के दौरान संचालन बोर्ड के
सदस्य या प्रमुख अधिकारी या धर्मार्थ संगठन के न्यासी के तौर पर काम करने का दोषी पाए जाने पर सेल्वाकुमार
पर 10,000 सिंगापुरी डॉलर का जुर्माना या तीन साल की सजा या दोनों हो सकते हैं। खबर के मुताबिक आठ
माह की जांच में मंदिर के पैसों के प्रबंधन में “गंभीर कुप्रबंधन” का पता लगने के बाद धर्मार्थ संगठनों के आयुक्त
ने सेल्वाकुमार समेत मंदिर के प्रमुख बोर्ड सदस्यों को 30 अप्रैल, 2018 को उनके पद से हटा दिया था।