डॉक्टरों, नर्सों के लिए दिए गए पीपीई किट का बेहतर उपयोग करना राज्यों की जिम्मेदारी : केंद्र सरकार

asiakhabar.com | June 27, 2020 | 11:29 am IST
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विनय गुप्ता

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने राज्यों और केंद्र
शासित प्रदेशों को उनकी आवश्यकता के अनुसार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट और एन-95 मास्क
प्रदान किए हैं और सुरक्षात्मक सामान का ‘‘बेहतर उपयोग’’ करना उनके ऊपर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक
गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर की गई जनहित याचिका के जवाब में दाखिल एक हलफनामे में यह बात कही है।
याचिका में दावा किया गया है कि निजी अस्पतालों में नर्सों को कोविड​​-19 महामारी के खिलाफ सुरक्षा के लिए
उचित सुरक्षा उपकरण प्रदान नहीं किए जा रहे हैं। एनजीओ ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि निजी
अस्पतालों और क्लीनिकों में नर्सों को इस्तेमाल किए गए पीपीई किट दिए जा रहे हैं। मंत्रालय ने अपने हलफनामे
में कहा, ‘‘केंद्र सरकार आवश्यकताओं के अनुसार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पीपीई किट, एन-95 मास्क आदि
उपलब्ध करा रही है। इन चीजों का बेहतर उपयोग करना राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की जिम्मेदारी है।’’ ‘डिस्ट्रेस
मैनेजमेंट कलेक्टिव’ नामक एनजीओ की याचिका पर अपने जवाब में दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह उन निजी
अस्पतालों और नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो कोविड-19 ​​दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं और
जब इस तरह के मामलें सामने आते हैं, तो कार्रवाई की जाती है। दिल्ली सरकार ने कहा कि उसने एक नर्सिंग
होम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसके खिलाफ नर्सिंग स्टाफ से शिकायतें मिली थीं कि उन्हें पीपीई
किट, मास्क आदि उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि नर्सिंग होम का
निरीक्षण करने के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसमें पाया गया कि नर्सिंग स्टाफ को पीपीई किट
नहीं दिए गए थे। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने हलफनामों को संज्ञान
में लिया और मामले की अगली सुनवाई दो जुलाई को निर्धारित की। एनजीओ ने अपनी याचिका में यह भी मांग
की है कि सभी निजी क्षेत्र की नर्सों को बीमा सुरक्षा के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत कवर किया जाए
और उन्हें उचित मानसिक-सामाजिक सहायता प्रदान की जाए। मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि सरकारी और
निजी क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत आते हैं जिसके तहत 50 लाख
रुपये का व्यक्तिगत दुर्घटना कवर प्रदान किये जाने का प्रावधान है।


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