वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि भारत की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को अपनाने की राह इसे बेपटरी करने के कई प्रयासों के बावजूद निर्विघ्न रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग कर अनुपालन नहीं कर रहे थे, संयोगवश जीएसटी की वजह से वे पकड़ में आ गए।
जेटली ने यह बात यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और अमेरिका चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के एक संयुक्त कार्यक्रम में कही। वह इन दिनों एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर हैं। यहां वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्वबैंक की वार्षिक बैठकों में शिरकत करेंगे। जेटली ने कहा कि जीएसटी के तहत सरकार ने कई आकर्षक योजनाएं शुरू कीं ताकि भारत में कर के लिए गैर-अनुपालन की स्थिति को कर-अनुपालन की दिशा में ले जाया जाए। उन्होंने कहा कि इसके चलते विभिन्न तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं। अब इनमें से कुछ कानूनी हैं जबकि कुछ को कर नहीं चुकाने वालों ने पैदा किया कि जीएसटी उनके लिए समस्याएं उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इतनी क्षमता होनी चाहिए कि वह सही और जबरदस्ती पैदा की गई शिकायतों में भेद कर सके।
यूएस में जेटलीः GST को फेल की कोशिश नाकाम, तेजी से अपना रहे हैं राज्य
न्यूयॉर्क में एक संबोधन में उन्होंने कहा कि राजनीतिक समूहों ने जीएसटी को बेपटरी करने के कई प्रयास किए। लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि उनकी खुद की राज्य सरकारों ने उनकी बातों को नहीं सुना क्योंकि वे समझ रही हैं कि इसका 80 फीसदी हिस्सा राज्य के पास आएगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी में एक करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वालों के लिए हमारे पास एक योजना है और हम इन लोगों को कर के दायरे में लाने की कोशिश कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्विक एकीकरण ऐसे वक्त में हो रहा है जब अन्य अर्थव्यवस्थाएं अधिक संरक्षणवादी हो रही हैं।
अवसर और चुनौतियां
– 99 फीसदी कर से जुड़े सवालों को ऑनलाइन सुलझाया जा रहा
– 95 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश स्वत: मार्ग से रहा
– 85 लाख के करीब कारोबारी पंजीकृत हैं जीएसटी के तहत
– 4 लाख करदाओं ने 95 फीसदी कर दिया जीएसटी में दो माह में
असरः अरुण जेटली बोले- जीएसटी, नोटबंदी का पड़ा है वांछित प्रभाव
निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा बढ़ा
भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्विक एकीकरण ऐसे वक्त में हो रहा है जब अन्य अर्थव्यवस्थाएं संरक्षणवादी हो रही हैं
पिछले तीन वर्ष में सरकार की पहल से भारत अब व्यापार के लिए बेहतर स्थान बनता जा रहा है
सरकार ने कारोबार करने और कर प्रकियाओं को सरल किया है
भारत के पास अब अधिशेष बिजली है और भारतीय बंदरगाहों की क्षमता का विस्तार किया गया है
युवा पीढ़ी भुगतान के नए तरीकों को बड़े पैमाने पर अपना रही है
जीएसटी का फायदा
– राज्य सरकारों को जीसटी के राजस्व का 80 फीसदी हिस्सा मिलने से भारी समर्थन मिला
– भारत में जीएसटी की सबसे निचली दर पांच फीसदी है और यह दुनिया में कहीं भी नहीं है
– जीएसटी परिषद में भारत का पहला ऐसा संघीय संस्थान है जिसकी बैठक हर महीने होती है
– मासिक आधार पर हालातों की समीक्षा कर निर्णय करने से बदलाव को लागू करना आसान