वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जॉन
बोल्टन अगर अपनी नयी पुस्तक के प्रकाशन की योजना को नहीं टालते तो उन्हें “आपराधिक समस्या” का सामना
करना पड़ सकता है। पुस्तक में राष्ट्रपति के ऐसे फैसलों का जिक्र है जो कथित तौर पर लापरवाह तो थे ही और
कई बार खतरनाक भी थे और ये फैसले केवल फिर से चुने जाने पर केंद्रित थे। ट्रंप ने सोमवार को कहा कि यह
अटॉर्नी जनरल विलियम बार पर होगा कि वह कोई आरोप लगाते हैं या नहीं लेकिन संकेत दिया कि यह मामला
अदालत तक जाएगा। ट्रंप ने अगले सप्ताह की शुरुआत में पुस्तक के विमोचन से पहले इसके बारे में कहा, “हम
देखेंगे कि क्या होता है। वे अदालत में हैं या जल्द ही अदालत में होंगे।” राष्ट्रपति ने बोल्टन पर पुस्तक के प्रकाशन
से पूर्व समीक्षा पूरी नहीं करने का आरोप लगाया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पुस्तक में कोई भी गोपनीय
जानकारी नहीं हो। यह बोल्टन के वकील, चक कूपर के बयानों के विपरीत हैं जिन्होंने कहा था कि उनके मुवक्किल
ने गोपनीय सामग्री जारी करने से बचने के लिए कई महीनों तक व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में गोपनीयता
विशेषज्ञ के साथ कड़ी मेहनत की है। वहीं बार ने ट्रंप के आरोपों को दोहराया। व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के
दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जिस प्रशासनिक अधिकारियों के पास संवेदनशील सूचनाओं तक पहुंच होती है, वे
आम तौर पर गैर-प्रकटीकरण समझौतों पर हस्ताक्षर करते हैं जिसका अर्थ है कि उन्हें नौकरी के दौरान जो सूचनाएं
प्राप्त हुईं उसके आधार पर कुछ भी प्रकाशित करने से पहले उन्हें मंजूरी की प्रक्रिया से गुजरना होगा। बार ने कहा
कि उन्हें नहीं लगता कि बोल्टन इस प्रक्रिया से गुजरे हैं या उस प्रक्रिया को पूरा किया है और इसलिए यह समझौते
का उल्लंघन है।