सनातन धर्म में रुद्राक्ष का बड़ा ही विशेष महत्व हैं। स्वयं भगवान भोलेनाथ का स्वरूप कहे जाने वाला
रुद्राक्ष दैवीय गुणों से भरपूर होकर अत्यंत लाभदायक होता हैं। पृथ्वी पर अनेक रुद्राक्ष पाये जाते हैं
जिनका अपना अलग-अलग महत्व होता हैं। इन्ही रुद्राक्षों में एक रुद्राक्ष 7 मुखी होता हैं। जिसकी एक
अलग ही विशेषता हैं। अगर व्यक्ति के भाग्य में धन की देवी लक्ष्मी रूठी हुई हो तो जरूर ही इस रुद्राक्ष
को धारण करना चाहिए। 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का विशेष समय श्रावण माह में रहता हैं। आज
हम आपको 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि एवं इसके फायदे बताएंगे।
धन की कमी आ रही हो तो अवश्य धारण करें-
अगर आपके जीवन में धन की कमी आ रही हैं एवं धन की देवी लक्ष्मी रूठी हुई हो तो अवश्य ही सात
मुखी रुद्राक्ष को धारण करें। ज्योतिषाचार्यो की मानें तो धन की कमी, नौकरी एवं व्यवसाय में तरक्की
नहीं मिल रही है तो जरूर ही इस 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए। 7 मुखी रुद्राक्ष के धारण करने
से धन की देवी लक्ष्मी की कृपा बरसने लगती हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने के बाद भगवान शनिदेव
की भी विशेष कृपा बनी रहती हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष को अपने घर में पूजा स्थल में स्थापित भी कर सकते
हैं।
भगवान भोलेनाथ का रहता हैं रुद्राक्ष में वास-
रुद्राक्ष में स्वयं भगवान भोलेनाथ का वास रहता हैं। इसलिए शुद्ध और असली रुद्राक्ष ऐश्वर्यशाली बनाता
हैं। ज्योतिषाचार्यो की माने तो सात मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करने के बाद सप्त ऋषियों का सदैव
आशीर्वाद बना रहता हैं। यह रुद्राक्ष धन-सम्पति, कीर्ति तथा विजयश्री प्रदान करने वाला होता हैं। भगवान
शिव का स्वरूप कहें जाने वाले 7 मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से धनागमन बना रहता हैं।
रुद्राक्ष को धारण करने के लिए श्रावण माह रहता हैं खास-
श्रावण माह भगवान भोलेनाथ की भक्ति से शक्ति का वरदान प्राप्त करने वाला होता हैं। और भगवान
भोलेनाथ का स्वरूप कहें जाने वाले 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे खास माह श्रावण ही रहता
हैं। इसलिए श्रावण माह में विधि पूर्वक इस रुद्राक्ष को धारण कर लेवे। ज्योतिषाचार्यो की माने तो यह 7
मुख वाला रुद्राक्ष शक्तिशाली नागों का भी प्रिय हैं। इसलिए इसे धारण करने से सांप का खतरा भी दूर
हो जाता हैं। यह रूद्राक्ष एक तरह से रक्षा कवच का भी कार्य करता हैं।
7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि-
7 मुख वाला रुद्राक्ष काफी पवित्र माना गया हैं इसलिए इसे विशेष विधि के तहत धारण करना चाहिए।
श्रावण माह के अलावा शिवरात्रि के दिन भी यह रुद्राक्ष धारण किया जा सकता हैं। लेकिन श्रावण माह में
धारण करना सबसे खास माना गया हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि इस प्रकार हैं कि सबसे
पहले एक तांबे या चांदी की कटोरी में दूध, दही, घी, शक्कर एवं शहद लेकर मिला लें। जिसके बाद इस
मिश्रण से रुद्राक्ष को स्नान कराए तथा स्नान के बाद पुनः गंगाजल और शुद्ध जल से स्नान करवाकर
पूजा स्थल पर लाल वस्त्र पर रख दें। रुद्राक्ष के सामने गाय के घी का दीपक जलाकर "ॐ नमः शिवाय"
या "ॐ हूं नमः" का 501 या 1100 बार जाप करके भगवान भोलेनाथ का ध्यान करते हुए इस धारण
कर लें। आप को कुछ ही दिनों में इसका लाभ मिलना प्राप्त हो जाएगा।