मनदीप जैन
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित देश की
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज को सोमवार को कठोर आघात
बताते हुए सरकार से आग्रह किया कि बैंकों को कर्ज नहीं चुका पाने वाले किसानों के खिलाफ दिवाला शोधन प्रक्रिया
शुरू नहीं करने का निर्देश दिया जाए।
खड़गे ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि किसान स्थानीय साहूकारों के चंगुल में नहीं फंसें क्योंकि
बैंक उन्हें नया ऋण देने में संकोच कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि कृषि सुधार के नाम पर सरकार
निजी व्यापारियों को कृषि उत्पाद तथा मवेशी बाजार समितियों में आने की अनुमति खुशी से दे रही है। उन्होंने एक
बयान में यह भी कहा कि कृषि सुधार के नाम पर सरकार चाहती है कि उद्योगपति किसानों की जमीन बेचें और
खरीदें।
खड़गे ने कहा, अगर सरकार यह घोषणा कर सकती है कि कोरोना वायरस से प्रभावित उद्योगों के खिलाफ दिवाला
शोधन प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी तो उसे बैंकों को किसानों के कर्ज को भी इसी तरह देखने का निर्देश देना
चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि लॉकडाउन को 60 दिन हो गये हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था का हर क्षेत्र
गंभीर संकट में है। उन्होंने कहा कि हमें क्षेत्रवार योजना बनाने की जरूरत है। खड़गे ने कहा, लेकिन पिछले सप्ताह
सरकार द्वारा घोषित कदमों से स्पष्ट है कि या तो उसे संकट का भान नहीं है या उसने अर्थव्यवस्था में जान
फूंकने के लिए इस पर ध्यान देने से ही साफ इनकार कर दिया है।