एजेंसी
रामल्ला (वेस्ट बैंक)। फलस्तीनी शरणार्थियों के कल्याण के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र
की एक एजेंसी ने अपनी मूल सेवाओं को जारी रखने विशेषकर कोविड-19 संकट के कारण उत्पन्न स्थितियों के
दौरान भारत द्वारा की गई आर्थिक मदद की सराहना की है।भारत सरकार ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य सहित मुख्य
कार्यक्रमों और सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं निर्माण एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को सोमवार को 20 लाख
डॉलर दिए थे। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को यह योगदान फलस्तीन में भारत के प्रतिनिधि सुनील कुमार ने प्रस्तुत किया
था। यूएनआरडब्ल्यूए में दान संबंधी मामलों के प्रमुख मार्क एल. ने कहा, ‘‘एजेंसी की ओर से, मैं इस योगदान के
लिए भारत सरकार के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करना चाहूंगा, जो यूएनआरडब्ल्यूए को आर्थिक चुनौतियों से
निपटने में मदद करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फलस्तीनी शरणार्थियों की मदद करने की भारत की दृढ़ता एंव प्रतिबद्धता
सराहनीय है खासकर कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई स्थितियों के दौरान।’’भारत ने 2019 में यूएनआरडब्ल्यूए में
अपना वार्षिक योगदान 12.5 लाख डॉलर से बढ़ाकर 50 लाख डॉलर कर दिया था।वहीं कुमार ने कहा, ‘‘भारत
सरकार की ओर से मैं यूएनआरडब्ल्यूए के प्रयासों और कार्यों की सराहना करता हूं। हमारा मानना है कि यह राशि
एजेंसी को फलस्तीनी शरणार्थियों को जरूरी सहायता मुहैया कराने और उनके पूर्ण विकास के लक्ष्य को हासिल
करने में मदद करेगी।’’ यूएनआरडब्ल्यूए के लिए शरणार्थी वे फलस्तीनी हैं, जो 1984 युद्ध के दौरान अपने घर
छोड़कर भाग गए थे या जिन्हें जबरन निकाल दिया गया था। इस बीच, वेस्ट बैंक में भारतीय मिशन की
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत फलस्तीनियों को चिकित्सीय सामग्रियों की आपूर्ति की तैयारी कर रहा
है जहां कोरोना वायरस के जल्द पहुंचने की आशंका है।