मंथन और निर्णय पर जोर दे राज्यसभा : वेंकैया नायडू

asiakhabar.com | May 14, 2020 | 11:26 am IST

के सी मेहता

नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि सदन को मंथन और
निर्णय पर जोर देते हुए बाधाओं, अड़चनों और समय की बर्बादी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में प्रत्येक
मुद्दे पर विचार विमर्श, चर्चा, बहस और फैसले होने चाहिए। यदि मुद्दों पर राजनीतिक मतभेद हो तो उन्हें
बाधाओं में नहीं बदलने देना चाहिए। इस पर सभी पक्षों को विचार करने की जरूरत है।
नायडू ने राज्यसभा की पहली बैठक की 68वीं वर्षगांठ के अवसर पर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर लिखें
एक लेख में कहा कि पिछले बजट सत्र तक राज्यसभा की 5472 बैठक हो चुकी है। इसके अलावा सदन ने कम से
कम 3857 विधेयक पारित किए हैं। सदन ने तीन बार अपना स्वतंत्र रूख अपनाया है जिसके कारण 1961
1978 और 2002 संसद की संयुक्त बैठक बुलाई गई है।
उन्होंने राज्यसभा की घटती उत्पादकता पर अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही में बाधा और
अड़चन उत्पन्न करने का चलन बढ़ रहा है इससे कामकाज प्रभावित होता है और उत्पादकता लगातार गिरती जाती
है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1978 से 2004 तक सदन ने अपने समय का फुल 39.50 प्रतिशत समय कामकाज में
व्यय किया है। वर्ष 2005-2014 में 21.99 प्रतिशत समय का इस्तेमाल कामकाज में किया और 2015 से
2019 तक यह आंकड़ा 12.34 प्रतिशत रह गया। उन्होंने कहा कि बाधाओं के कारण प्रश्नकाल बार-बार छोड़ देना
पड़ा जिसका असर सदन की उत्पादकता पर सर्वाधिक पड़ा।


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