के सी मेहता
नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि सदन को मंथन और
निर्णय पर जोर देते हुए बाधाओं, अड़चनों और समय की बर्बादी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में प्रत्येक
मुद्दे पर विचार विमर्श, चर्चा, बहस और फैसले होने चाहिए। यदि मुद्दों पर राजनीतिक मतभेद हो तो उन्हें
बाधाओं में नहीं बदलने देना चाहिए। इस पर सभी पक्षों को विचार करने की जरूरत है।
नायडू ने राज्यसभा की पहली बैठक की 68वीं वर्षगांठ के अवसर पर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर लिखें
एक लेख में कहा कि पिछले बजट सत्र तक राज्यसभा की 5472 बैठक हो चुकी है। इसके अलावा सदन ने कम से
कम 3857 विधेयक पारित किए हैं। सदन ने तीन बार अपना स्वतंत्र रूख अपनाया है जिसके कारण 1961
1978 और 2002 संसद की संयुक्त बैठक बुलाई गई है।
उन्होंने राज्यसभा की घटती उत्पादकता पर अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही में बाधा और
अड़चन उत्पन्न करने का चलन बढ़ रहा है इससे कामकाज प्रभावित होता है और उत्पादकता लगातार गिरती जाती
है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1978 से 2004 तक सदन ने अपने समय का फुल 39.50 प्रतिशत समय कामकाज में
व्यय किया है। वर्ष 2005-2014 में 21.99 प्रतिशत समय का इस्तेमाल कामकाज में किया और 2015 से
2019 तक यह आंकड़ा 12.34 प्रतिशत रह गया। उन्होंने कहा कि बाधाओं के कारण प्रश्नकाल बार-बार छोड़ देना
पड़ा जिसका असर सदन की उत्पादकता पर सर्वाधिक पड़ा।
कोरोना महामारी में की रही व्यवस्थाओं में लापरवाही न/न बरती जाए : बालियानमुजफ्फरनगर, 13 मई (वेबवार्ता)। केन्द्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान ने कहा है कि कोविड-19 के कारण पूरा देश संकट के दौर से गुजर रहा है और इस वैश्विक महामारी में की जा रही व्यवस्थाओ में किसी प्रकार की लापरवाही न/न बरती जाए ताकि जनसामन्य के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव ना पडे और कोरोना को हराया जा सके। बालियान आज यहां विकास भवन सभागार में कोविड-19 के मद्देनजर जिला प्रशासन के साथ आयोजित बैठक में अधिकारियो से कहा कि इस वैश्विक महामारी के प्रभाव के दृष्टिगत की जा रही व्यवस्थाओ में किसी प्रकार की लापरवाही न/न बरती जाए। इस महामारी से सम्बन्धित समस्त व्यवस्थाए सुनिश्चत होनी चाहिए। ताकि जनसामान्य को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं उठानी पडे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के कोशल विकास राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर विभिन्न व्यवस्थाएं की जा रही है। ताकि जल्द से जल्द इस महामारी से निजात मिल सके। उन्होंने कहा कि अन्य जिलों के मुकाबले मुजफ्फरनगर की स्थिती काफी बेहतर है। यदि इसी प्रकार से प्रयास जारी रहे तो उम्मीद है कि जल्द ही स्थिती सामन्य हो जाएगी। उन्होंने अधिकारियो से कोरोना के सम्बन्ध मे विस्तृत चर्चा की तथा आवश्यक निर्देश दिए। बैठक के बाद बालियान ने बताया कि प्रशासन ने जिले में 11 हजार राशन किट खरीदी गई। जिनमें से बुढाना मे 1400, जानसठ मे 600, खतौली मे 250, शहर मे 7500, सदर मे 12 सौ राशन किट प्रशासन द्वारा खरीदी गई। उन्होंने बताया कि इनके अलावा 1500 राशन किट शुगर मिल द्वारा, 200 किट भटटे वालो की और से, तथा 2800 कुल राशन किट फैक्ट्री वालो की तरफ से सौंपी गई हैं। इसके अलावा 16000 पके हुए भोजन की किट प्रशासन को सौपी गई। बालियान ने कहा कि इस मामले में कमी यह रही कि अन्नपूर्णा फर्म का लाईसेन्स रद्द था। एडीएम वित्त मामले की जांच कर रहे है। इस फर्म को जांच अधिकारी यादव के पहुंचने के बाद रोक दिया गया। क्वारन्टाइन किए गए व्यक्ति के भोजन पर रोजाना होने वाले व्यय कि करीब 80 रूपये प्रतिदिन क्वारंनआइन किए गए एक व्यक्ति के खाने पर व्यय होता है। उन्होने बताया कि सुखी किट 4500 है। जो 16000 राशन किट बताई जा रही हैं वो राशन किट नही बल्कि पका हुआ भोजन है। बैठक में राज्यमंत्री विजय कश्यप,बुढाना विधायक उमेश मलिक, डी.एम.सेल्वा कुमारी जे. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, मुख्य विकास अधिकारी आलोक यादव, एडीएम वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार, एसपी सिटी सतपाल अंतिल आदि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। »