लंदन। ब्रिटेन के मशहूर भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग के परिवार ने अपने वेंटिलेटर को
कोरोना वायरस के रोगियों के इलाज के लिए अस्पताल को दान कर दिया है। हॉकिंग के परिवार ने बुधवार को
जानकारी दी कि 2018 में 76 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ था। आजीवन मोटर न्यूरॉन बीमारी से जूझते
रहने के बावजूद उन्होंने ब्रह्मांड के कई रहस्यों पर शोध किया था। उनकी बेटी लूसी ने कहा कि उनके द्वारा
इस्तेमाल किए गए वेंटिलेटर को कैंब्रिज में रॉयल पापवर्थ अस्पताल को दिया गया है जहां उनका इलाज चलता था।
उन्होंने कहा, ‘‘वेंटिलेटर पर रहने के कारण रॉयल पापवर्थ मेरे पिता के लिए काफी महत्वपूर्ण था और उनके काफी
कठिन वक्त में इसने उनकी मदद की।’’ लूसी ने कहा, ‘‘हमें महसूस हुआ कि यह कोविड-19 महामारी के समय
सेवा प्रदान करेगा और हम सहायता प्रदान करने को लेकर वहां कुछ पुराने दोस्तों के संपर्क में हैं।’’ हॉकिंग का
अधिकतर वक्त व्हीलचेयर पर बीता और वह कंप्यूटर की मदद से संवाद करते थे। उनके पास ब्रिटेन के सरकारी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के कुछ उपकरण थे। उनकी बेटी ने कहा कि उनकी मौत के बाद उपकरणों को लौटा दिया
गया लेकिन वेंटिलेटर को कैंब्रिज विश्वविद्यालय और ‘‘द ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’’ के लेखक ने खरीद लिया। रॉयल
पापवर्थ अस्पताल ने महामारी के कारण गंभीर रोगियों की देखभाल क्षमता को दोगुना कर दिया है। ब्रिटेन में
कोरोना वायरस के कारण 17,300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।