आकाश खत्री
नई दिल्ली। कोविड-19 संक्रमित कचरे के लिए अब देशभर में लाल और पीले रंग के कूड़ेदान
होंगे। एक में कोरोना संक्रमित मरीज का कचरा डाला जाएगा, जबकि दूसरे में क्वारंटाइन में रहने वाले मरीजों का
कचरा। हर अस्पताल में इस कचरे का भंडारण भी पूर्णतया अलग होगा। कचरे को एकत्रित करने वाले सफाई कर्मी
और इसे निस्तारण के लिए ले जाने वाले वाहन भी अलग-अलग होंगे। सभी वाहन, कूड़ेदान और सफाई कर्मियों को
नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाएगा।
दरअसल, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कोविड-19 संक्रमित कचरा निस्तारण के लिए नई गाइडलाइंस
तैयार की है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रलय, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय, केंद्रीय आवास व
शहरी विकास मंत्रलय सहित यह गाइडलाइंस सभी राज्य सरकारों, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डो और स्थानीय
निकायों को भेज दी गई है।
गाइडलाइंस का पालन करने का निर्देश
एक पत्र के जरिये सीपीसीबी ने तत्काल प्रभाव से इन गाइडलाइंस का पालन करने का निर्देश दिया है। अमल कराने
की जिम्मेदारी हर राज्य सरकार की होगी। अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों को इसका सख्ती से पालन करना होगा
और स्थानीय निकायों के स्तर पर कचरा एकत्र सतर्कता के साथ हो, यह भी राज्य सरकारें ही सुनिश्चित करेंगी।
सीपीसीबी के सदस्य सचिव डॉ. प्रशांत गार्गवा ने बताया कि कोरोना कोविड-19 कचरे को बायोमेडिकल वेस्ट में
शामिल नहीं किया जा सकता। इसके निस्तारण में कहीं अधिक एहतियात बरतना जरूरी है। इसीलिए राष्ट्रीय स्तर
पर गाइडलाइंस तैयार कर जारी कर दी गई हैं। राज्य सरकारों को चाहिए कि इनका अविलंब पालन कराएं।
एक नजर में गाइडलाइंस
-लाल रंग के कूड़ेदान में कोरोना संक्रमित और पीले रंग के कूड़ेदान में क्वारंटाइन किए गए मरीजों का कचरा डाला
जाएगा। इनमें दोहरा पॉलीबैग लगाया जाएगा ताकि निकालते समय कचरा लीक न करे।
-हर अस्पताल और क्वारंटाइन सेंटर में इस कचरे का भंडारण भी अलग से होगा। इसका बाकायदा रिकॉर्ड रखा
जाएगा। इसे एकत्र करने वाले कर्मचारी भी अलग होंगे और इसे ले जाने वाला वाहन भी।