संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने कहा कि अमेरिका को
कोविड-19 वैश्विक महामारी से प्रभावित करोड़ों मध्यमवर्गीय अमेरिकियों को गरीबी में जाने से बचाने के लिए
तत्काल अतिरिक्त कदम उठाने चाहिए।गरीबी और मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत फिलिप एल्स्टन ने
आगाह किया कि अगर कांग्रेस ‘‘दूरगामी’’ कदम नहीं उठाती है तो अमेरिका के कई हिस्सों को जल्द ही गरीबी का
सामना करना पड़ेगा।एल्स्टन ने कहा, ‘‘लगातार नजरअंदाज किए जाने और भेदभाव के कारण कम आय और गरीब
लोग कोरोना वायरस से अधिक खतरे का सामना कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा कि अमेरिका को कोविड-19 वैश्विक
महामारी से प्रभावित लाखों मध्यमवर्गीय अमेरिकियों को ‘‘गरीबी में जाने’’ से बचाने के लिए फौरन अतिरिक्त कदम
उठाने चाहिए।चार हफ्तों में 2.2 करोड़ से अधिक लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन दिया और अमेरिका के
संघीय रिजर्व अर्थशास्त्रियों ने 4.7 करोड़ लोगों की नौकरियां जाने का अनुमान जताया है।अमेरिका में किराये पर
रह रहे तकरीबन एक तिहाई लोगों ने अप्रैल का किराया समय पर नहीं दिया है।स्वतंत्र विशेषज्ञ ने कहा कि गरीब
लोगों को कोरोना वायरस से अधिक खतरा है।उन्होंने कहा, ‘‘वे ऐसी नौकरियां कर सकते हैं जहां बीमारी के संपर्क
में आने का खतरा अधिक होगा, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर रह सकते हैं और ऐसे इलाकों में रह सकते हैं जो वायु
प्रदूषण तथा स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में कमी के कारण अधिक संवेदनशील है। नस्ली भेदभाव का सामना कर
रहे समुदायों को खासतौर पर खतरा है और वे अधिक संख्या में मर रहे हैं।’’एल्स्टन ने कहा, ‘‘इन गंभीर खतरों के
बावजूद संघीय सहायता कई जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंची है और संकट के इस पैमाने को देखते हुए यह
अपर्याप्त है।’’