नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र
सिंह तोमर ने राज्यों के कृषि मंत्रियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर उनसे फसलों की कटाई और
सरकारी खरीद का कार्य सुचारु तरीके से पूरा कराने का आग्रह किया।
बातचीत के दौरान तोमर ने मुख्य रूप से कोरोनावायरस (कोविड-19) के कारण उत्पन्न संकट के दौर में किसानों
को हरसंभव राहत पहुंचाने पर जोर दिया गया। तोमर ने कहा, केंद्र सरकार ने किसानों के लिए अधिकतम छूट दे
दी है, जिसका लाभ लेकर फसल कटाई का जितना काम कर लिया गया, वह हमारे किसानों और गांवों की ताकत
को दर्शाता है। अब राज्यों को चाहिए कि वे फसल कटाई के बचे हुए काम के साथ ही उपार्जन कार्य सुचारु रूप से
संपन्न कराएं। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्देश को ध्यान में रखते हुए किसानों को कोई
परेशानी न हो और उन्हें कहीं दूर नहीं जाना पड़े, इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए।तोमर ने कहा कि सभी राज्य
भी कंट्रोल रूम बनाकर कृषि मंत्रालय के कंट्रोल रूम के साथ पूरा समन्वय बनाए रखें, ताकि अंतरराज्यीय परिवहन
में कोई कठिनाई न हो।
इस मौके पर कृषि भवन में बुधवार को तोमर के साथ केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चैधरी के
साथ-साथ केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल भी मौजूद थे, जिन्होंने लॉकडाउन से किसानों को दी गई छूट व
राज्यों को भेजे दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दी गई छूट का मकसद यह है
कि किसानों को कृषि उपज मंडियों में लाने की जरूरत न हो और वे वेयरहाउस से ही अपनी उपज की बिक्री कर
सकें। तोमर ने राज्यों के कृषि मंत्रियों का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि लॉकडाउन के प्रारंभिक दौर में सब्जी
मंडियों में सामाजिक दूरी का ध्यान नहीं रखा गया था, ऐसे में राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कृषि
उपज की बिक्री के दौरान भीड़ नहीं लगे और कोई अव्यवस्था नहीं हो।
राज्यों के कृषि मंत्रियों ने कृषि मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की और कहा कि छूट दिए जाने से किसानों को
काफी मदद मिली है। तोमर ने राज्यों के अनुरोध पर 30 अप्रैल तक दलहन और तिलहन फसलों की सरकारी
खरीद की निर्धारित समय-सीमा में छूट देते हुए, यह कार्य कभी भी आरंभ करके 90 दिनों में पूर्ण करने को कहा
है। दलहन के बीज 8 साल के बजाय 10 साल तक वाले उपयोग करने के राज्यों के आग्रह पर उन्हें यह भी छूट
तत्काल दे दी गई। तोमर ने कहा कि यदि कोई किसान एफपीओ या स्वयं सहायता समूह के माध्यम से होम
डिलिवरी कर उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुंचाना चाहते हैं तो इसमें सहायता की जाए। तोमर ने बताया कि 16
अप्रैल को वीडियो कान्फ्रेंसिंग से खरीफ कान्फ्रेंस भी की जाएगी, ताकि खरीफ की कार्ययोजना बनाई जा सके।
उन्होंने सभी से आरोग्य सेतु एप का उपयोग करने का आग्रह किया एवं इस एप के प्रचार के लिए भी कहा, ताकि
कोरोना महामारी से निपटने में मदद मिल सके।