नई दिल्ली। दक्षिण जिले के साइबर सेल ने इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग
के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपितों में एक युवा दंपती भी शामिल है। आरोपितों की
पहचान गैंग का सरगना बिहार निवासी विवेक श्रीवास्तव (31), अलीगढ़, यूपी निवासी दीपक शर्मा (26) और
दीपक की पत्नी नेहा झा (24) के रूप में हुई है। आरोपितों ने पंचशील पार्क निवासी एक शख्स को 12 लाख
रुपये का लोन दिलाने के नाम पर करीब सवा लाख रुपये ठगे थे। पीड़ित को जब ठगी का एहसास हुआ तो उसने
मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने छानबीन के बाद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से
पुलिस ने पांच मोबाइल फोन ओर पांच सिमकार्ड बरामद किए है। इनको वारदात में इस्तेमाल किया गया था।
पुलिस पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।
दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि पिछले दिनों उन्हें हौसखास थाने में इश्योरेंस
पॉलिसी के नाम पर ठगी की एक शिकायत मिली थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि कुछ दिनों पूर्व उसके
मोबाइल पर निशा नामक एक युवती का कॉल आया था। कॉलर ने खुद को एक कंपनी का प्रतिनिधी बताकर पीड़ित
को इंश्योरेंस पॉलिसी पर बिना किसी ब्याज के लोन दिलाने की बात की। पीड़ित को लोन चुकान के नाम पर साल
में एक लाख रुपये की रकम अदा करना थी। पीड़ित फौरन इसके लिए तैयार हो गए। आरोपितों ने पीड़ित से लोन
पास कराने के नाम पर 1.27 लाख रुपये दो अलग-अलग खातों में जमा कराने के लिए कहा।
पीड़ित ने यकीन करते हुए पूरी रकम जमा करवा दी। रुपये लेने के बाद आरोपितों ने पीड़ित से कहा कि उनका
12.37 लाख का लोन पास हो गया है। आरोपितों ने बकायदा उसका डीडी व्हाट्सऐप पर भेजकर कुछ और रुपयों
की मांग की। इधर पीड़ित को कुछ शक हुआ। उसने डीडी की फोटो से जांच करवाई तो उसके फर्जी होने का पता
चला। आरोपित लगातार कॉल कर पीड़ित से रुपयों की मांग करते रहे। ठगी का पता चलने पर पीड़ित ने मामले की
सूचना पुलिस को दी। हौजखास थाने ने मामला दर्ज कर मामले की जांच का जिम्मा साइबर सेल को सौंप दिया।
इंस्पेक्टर अजीत कुमार और एसआई विजयपाल की टीम ने मामले की छानबीन शुरू की। इस बीच टेक्निकल
सर्विलांस की मदद से बुधवार को आरोपितों की पहचान कर उन्हें दबोच लिया गया। पूछताछ के दौरान विवेक और
दीपक ने बताया कि दोनों ग्रेजुएट हैं।
विवेक इंश्योरेंस पॉलिसी के कॉल सेंटर में टीम लीडर की नौकरी करता था। दीपक और उसकी पत्नी नेहा उसके पास
ही काम करते थे। तीनों ने ठगी की योजना बनाई। नेहा निशाना बनाकर लोगों को बिना ब्याज के लोन दिलवाने
का झांसा देती थी। पीड़ित जल्दी ही बिना ब्याज के लोन पर राजी हो जाते थे। बाद में आरोपित पीड़ितों से अपने
खाते में रकम ट्रांसफर करवाने के बाद अपने-अपने नंबर बंद कर लिया करते थे। दीपक खुद को बैंक अधिकारी
बताता था। आरोपितों के गेँग देशभर में सैंकड़ों लोगों को चूना लगाया है। पुलिस पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ
कर मामले की छानबीन कर रही है।