संजय चौधरी
नई दिल्ली। लोकसभा में बृहस्पतिवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने कोरोना वायरस का
मुद्दा उठाते हुए इससे निपटने में सरकार के प्रयासों की सराहना की। साथ ही दुनिया के कई क्षेत्रों में फंसे भारतीयों
को वापस लाने, जांच की सुविधा का विस्तार करने एवं सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग की। लोकसभा
अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह एक ऐसा विषय है जिससे केंद्र एवं राज्य सरकारों को मिलकर निपटना है।
निचले सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि दुनिया में कोरोना वायरस
के कारण स्थिति गंभीर है और भारतीय समुदाय के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में
सरकार को इटली, अमेरिका सहित अन्य देशों में फंसे लोगों को बाहर निकालना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप
बंदोपाध्याय ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण दुनिया हिल गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज राष्ट्र को
संबोधित करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सदन को भी संबोधित करें। शिवसेना के विनायक राऊत ने कहा कि कोरोना
वायरस से निपटने में सरकार ने अच्छा काम किया है। लेकिन सिंगापुर में हवाई अड्डे पर काफी छात्र फंसे हुए हैं
और सरकार को उन्हें निकाल कर भारत लाना चाहिए। द्रमुक के दयानिधि मारन ने कहा कि कोरोना वायरस से
निपटने में सरकार ने काफी सख्त कदम उठाये हैं लेकिन संसद के साथ भेदभाव क्यों हो रहा है। तृणमूल कांग्रेस के
असित कुमाल मल ने कहा कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस से प्रभावित हुई है। इससे निपटने के लिये प्रयास हो रहे
हैं। अधिक से अधिक अलग रखने की व्यवस्था सहित अन्य कदम उठाये जाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस
संबंध में सदन में बयान दें। शिवसेना के राजन बिचारे ने कहा कि सिंगापुर हवाई अड्डे पर भारत के 58 बच्चें
फंसे है जो फिलिपीन में पढ़ाई करते हैं। ये बच्चे तीन दिन से सिंगापुर हवाई अड्डे पर फंसे हैं। सरकार इन्हें तुरंत
निकालने की व्यवस्था करे। कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने कहा कि वह कोरोना वायरस से निपटने में विदेश
मंत्रालय, स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों का समर्थन करते हैं। उनके क्षेत्र के कई लोग दूसरे देशों में फंसे है। विदेश
मंत्रालय को विदेशों में फंसे ऐसे लोगों के लिये चार्टर्ड विमान की व्यवस्था करनी चाहिए। भाजपा के राजू विष्ट ने
कहा कि कोरोना वायरस से निपटने में सरकार युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। उनके संसदीय क्षेत्र दार्जिलिंग से
चार अंतरराष्ट्रीय सीमाएं लगती है। वहां काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। ऐसे में उनके क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं जांच
की सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने देश के कई क्षेत्रों में पूर्वोत्तर के लोगों के प्रति कथित
नस्लभेदी टिप्प्णी पर रोक लगाने की भी मांग की।