संयोग गुप्ता
एफएटीएफ ने पाकिस्तान पर एक नियम लागू करते हुए कहा है कि जो भी पाकिस्तानी नागरिक देश से बाहर
जाएगा उसके टिकट और विदेश में उसके द्वारा किसी भी रुप में खर्च की राशि का पूरा हिसाब देना होगा। इसके
अलावा यह भी विवरण देना होगा कि विदेश में जो पैसा खर्च किया गया और उसके पास वो पैसा किस माध्यम से
आया है। ऐसे यात्री के पारिवारिक काम-धंधे की पूरी डिटेल भी देनी होगी। साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की
गंभीरता के साथ इस बात पर ध्यान देना होगा कि विदेश यात्रा करने वाले पाकिस्तानियों का डेटा बैंक बनाया जाए
जिसमें विदेश यात्रा करने वाला पाकिस्तानी अपने साथ कितनी करेंसी और कीमती सामान के रुप में क्या वस्तुएं
लेकर आया है।
एफएटीएफ का हिंदी अर्थ है वित्तीय कार्रवाई दल। यह संस्था काले को वैध बनाने से रोकती है जिसे मनी लांडरिगं
प्रक्रिया भी कहते हैं। इसके अलावा यह संस्था आतंकवाद को धन उपलब्ध के खिलाफ नीतियां बनाकर उस पर
कार्रवाई करती है। इसका मुख्य कार्यलयल पेरिस में हैं।
एफएटीएफ की एक रिपोर्ट अनुसार इन शर्तों पर अमल के लिए पाकिस्तान में तस्करी रोधी अधिनियम में बदलाव
अगले करीब आठ दिनों में हो जाएगा। पहले से ही पाकिस्तान अपनी नकारात्मक छवि के चलते और अथक प्रयास
के बावजूद भी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से नही निकल पाया है। एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को अभी भी
ग्रे लिस्ट में रखने का निर्णय लिया है। संस्था ने पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों को मध्यनजर रखते हुए एक
बार फिर आडे हाथ लिया और कड़े रुख में चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि जून 2020 तक उसने एफएटीएफ के
दिशा-निर्देशों पर अमल नही किया तो उसे ग्रे लिस्ट से भी हाथ धोना पड़ेगा और इसके बाद सीधा ब्लैक लिस्ट में
डाल दिया जाएगा जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगेगा।
एफएटीएफ के वर्गीकरण का यह अंतिम स्थान होता है और ब्लैकलिस्ट में आना किसी भी देश के लिए बेहद
नकारात्मक माना जाता है। ब्लैकलिस्ट में आने के बाद अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान और अन्य देश इस तरह के
देशों पर आर्थिक पाबंदियां लगा देते हैं जिससे उस देश को कहीं से भी कर्ज नही मिलता। स्वभाविक है कि ऐसे की
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बडे स्तर पर गिरावट आ जाती है।
एफएटीएफ ने यह निर्णय इसलिए लिया चूंकि पाकिस्तान में आतंक पर शिकंजा कसा जा सके। दरअसल मौजूदा
समय में पाकिस्तान की आर्थिक हालात बेहद कमजोर हो चुकी है और वो हमेशा से केवल आतंकवाद पनपाने और
पनाह देने के लिए पैसा कमाता रहा है। इस समय आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर चौतरफा मार पड़ रही है।
इधर, जब से जम्मू-कश्मीर मे धारा 370 खत्म हुई है तब से भी वो बेहद बैचेन हैं क्योंकि यहां अलगाववादी और
हुर्रियत नेताओं से आतंकवाद को लेकर जो मदद होती थी वो अब नही हो रही। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की
पूरी तरह से रुप रेखा ही बदल दी जिसको लेकर पाकिस्तान सभी देशों के आगे रोना रोता है लेकिन मोदी सरकार
की जबरदस्त कूटनीति के चलते किसी ने हस्तक्षेप नही किया। भारत ने इस मामले में अमेरिका जैसे देश को कड़े
रुख में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था।
पाकिस्तान को हमेशा से लगता आया है कि वह अपने आप को चालाकी से हर बार बचा लेगा लेकिन अब संभव
नही। इस समय पाकिस्तान में करीब पचास आतंकी संगठन कार्यरत है। इस बात का खुलासा किसी ओर ने नहीं
बल्कि विगत दिनों पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ ने किया था। यहां आतंकी धंधा लगातार बढ़ रहा है। जितनी यहां बड़ी
इंडस्ट्रियां या कंपनियां नही हैं उससे ज्यादा आतंकी संगठन है। ऐसे संगठनों की बढ़ोतरी से यह स्पष्ट हो जाता है
कि यहां के युवा आतंकवाद से कितने प्रेरित हैं। आतंकी संगठन को पनाह देने से पाकिस्तान हमेशा अपने आपको
ताकतवर समझता रहा है लेकिन अब उसका खेल ज्यादा दिनों तक नही चलेगा।कई बार हिदायत व चेतावनी देने के
बाद भी एक जैसा रवैया पाकिस्तान को भारी पड़ रहा है।