मनदीप जैन
नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास की गति तेज हो गयी है औरनई दिल्ली, 18 मार्च (वेबवार्ता)। सरकार ने आज कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास की गति तेज हो गयी है औरदेखते ही देखते वहाँ बेरोज़गारी खत्म हो जायेगी, लेकिन अनुच्छेद 370 हटने पर भूकंप आने या ज्वालामुखी फटनेकी घोषणा करने वालों की बेरोजगारी कभी खत्म नहीं होगी।लोकसभा में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों की अनुदान माँगों और केन्द्र सरकार की दूसरी अनुपूरकअनुदान माँगों पर संयुक्त चर्चा में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने यह बातकही। उन्होंने बजट के प्रस्तावों पर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर औरलद्दाख का मंज़र बदल गया है। सरकारी दफ्तरों की कार्यशैली बदल गयी है। जमीन पर काम की गति बदल गयीहै। लोगों की मानसिकता में बदलाव आ रहा है और नई आकांक्षा जन्म ले रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्वमें जम्मू-कश्मीर एक नया स्वप्न देख रहा है। श्री माेदी ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में विकास के द्वार खोलने केसाथ ही नई राजनीतिक संस्कृति शुरू की है।उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाये जाने के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि बीते आठ माह घाटी में बहुत शांति सेगुजरे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जबकि दीवाली, ईद, मुहर्रम, होली, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस सब आरामसे गुजर गये। जो लोग कहते थे कि अनुच्छेद 370 हटने पर भूकंप आ जायेगा, ज्वालामुखी फट जायेगा। उनकीभविष्यवाणी मिथ्या साबित हुई। उन्होंने कहा कि श्री मोदी जम्मू-कश्मीर में बदलाव लाना चाहते थे लेकिन 370हटाये बिना ऐसा करना बहुत बड़ी चुनौती बन गयी थी।डॉ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आठ माह के अंदर 50 हजार नये रोजगार सृजित हुए हैं। सरकाररोजगारपरकता को बढ़ावा देने में लगी है। बिना गारंटी के एक से दो लाख रुपये का ऋण स्टार्टअप के लिए दियाजा रहा है। उन्होंने कहा, “देखते ही देखते जम्मू-कश्मीर के नौजवानों की बेरोज़गारी दूर हो जायेगी। नेताओं की हमकह नहीं सकते हैं।” उन्होंने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बनने पर प्रधानमंत्री ने पहली दीवाली जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के बीच मनायी थी और इस साल वह 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके परलेह में रहेंगे।डॉ. सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस समय केवल 300 लोग हिरासत में हैं और यह संख्या 1990 के बादकिसी भी कालखंड में हिरासत में रहने वालों की संख्या से कम है। इस दौरान करीब 40 हजार लोगों की मौत भीहुई लेकिन विपक्ष के लोगों को केवल दो-तीन लोगों एवं उनके परिवारों की चिंता है। उन्होंने आशंका व्यक्त की,“कहीं इतिहास में हम पर ये आरोप न थोपा जाये कि हम केवल दो-तीन लोगों की ही चिंता करते रहे।”जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद किये जाने के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इंटरनेट ब्रॉडबैंड चालू रहा,लैंडलाइन फोन सेवाएं एवं वाई-फाई सेवाएं चालू रहीं। सिर्फ मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। उन्होंने मोबाइलइंटरनेट सेवा बंद करने के कारणों का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकवादी मोबाइल में गूगल मैप की मदद सेलोकेशन के अक्षांश देशांतर खोजकर भागने या हमला करने की योजना बनाते थे। इसीलिये मोबाइल इंटरनेट पररोक के कारण घाटी में शांति कायम रही।
उन्होंने कहा कि घाटी में कभी भी किसी के लिए मुक्त आवाजाही प्रतिबंधित नहीं रही। धारा 144 भी आतंकवादपर अंकुश लगाने के लिए लगायी गयी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के 26 हजारबच्चों ने नीट एवं जेईई परीक्षाओं में हिस्सा लिया। परीक्षा में 98 प्रतिशत बच्चे शामिल हुए। पुलिस भर्ती कीपरीक्षा में 100 प्रतिशत युवा आये। घुसपैठ में 43 प्रतिशत की कमी आयी है। सेब की रिकॉर्ड 90 लाख टन बिक्रीहुई और किसानों एवं खरीददारों के बीच बिचौलिये गायब हो गये हैं। किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में धनराशिगयी है।जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर से निर्वाचित सदस्य डॉ सिंह ने कहा कि जहां तक केन्द्र शासित प्रदेश का मुद्दा है तोगृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि जैसे ही उपयुक्त स्थितियां बनेंगी, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जामिल जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के 36 घंटे के भीतर उसका असर दिखने लगाथा। पिछले साल 07 अगस्त को सीमेन्ट की कीमत 7000 रुपये प्रति क्विंटल कम हो गयी।उन्होंने कहा कि 520 केन्द्रीय कानून और 37 समवर्ती सूची के कानून वहाँ लागू हो गये हैं जिनमें बाल विवाहकानून, दहेज कानून, बच्चों की यौन हिंसा से बचाव का कानून, सूचना का अधिकार कानून, संविधान का 73वांएवं 74वां संशोधन आदि शामिल हैं। इसके बाद राज्य में पंचायत चुनाव कराये गये। ब्लॉक विकास परिषद केचुनाव हुए। सरकारी कर्मियों को सातवां वेतन आयोग का वेतनमान मिला। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर केलोगों को मुआवजा मिला।उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) 13 प्रतिशत,उत्पाद शुल्क सात प्रतिशत बढ़ा है। आयुष्मान योजना के तहत साढ़े तीन लाख नये कार्ड बने हैं। एक लाख 60हजार किसान क्रेडिट कार्ड बने हैं। पेंशन लाभार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है। उज्ज्वला योजना में ढाई लाखगैस कनेक्शन दिये गये हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में पहले कुल 1008 मकान बने थे और आठ माह में 18हजार 534 मकान बनाये गये हैं। केन्द्रीय सहायता राशि का उपयोग 48 प्रतिशत बढ़ा है। पश्चिमी पाकिस्तान सेआये शरणार्थियों को दशकों के बाद नागरिकता मिली है।उन्हाेंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहली बार ईमानदारी से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का काम किया गया है। ई-टेंडरिंग व्यवस्था शुरू की गयी है और काम की जिओ टैगिंग की जा रही है। सरकारी पोर्टल से खरीद की प्रणालीजीईएम शुरू की गयी है। किश्तवाड़ और करगिल में नये हवाईअड्डे बन रहे हैं। देविका नदी की सफाई का कामशुरू हुआ है। नियंत्रण रेखा के समीप नये बंकर बनाये जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर ऐसा एकमात्र केन्द्र शासित प्रदेश हैजिसे दो एम्स मिल हैं। इसके अलावा आठ-नौ मेडिकल कॉलेज बनाये जा रहे हैं।द्रविड़ मुनेत्र कषगम के ए राजा ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के वक्त सुशासन एवं आर्थिक विकास काजो वादा सरकार ने किया था, वह ज़मीन पर कहीं नहीं दिख रहा है। सामाजिक क्षेत्र में भी कोई असर नहीं दिखाहै।