नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा कमलनाथ सरकार को सोमवार को
बहुमत साबित करने का निर्देश दिये जाने के बाद यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की एक अहम
बैठक हुई। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के निवास पर हुई बैठक में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, राज्य के पूर्व
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल
हुए। सूत्रों के अनुसार बहुमत परीक्षण से पहले श्री सिंधिया सहित ये सभी नेता रविवार की रात या सोमवार की
सुबह भोपाल पहुंच जाएंगे। ऐसी संभावना है कि उनके भोपाल पहुंचने के बाद ही बेंगलुरु से सिंधिया समर्थक
विधायक भोपाल लाये जाएंगे जो राज्यपाल के अभिभाषण के बीच सीधे विधानसभा पहुंचेंगे। राज्यपाल श्री टंडन ने
शनिवार को देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिख कर सोमवार को शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में
राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ने यह भी
निर्देश दिया है कि कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च को प्रारंभ होगी और स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की
जाएगी। विश्वास मत पर मतदान बटन दबाकर ही होगा और अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा। विश्वास
मत की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी विधानसभा द्वारा स्वतंत्र व्यक्तियों से करायी जाएगी। राज्यपाल के निर्देश
के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा ने व्हिप जारी कर दिया जिसमें पार्टी
विधायकों को निर्देशित किया गया है कि सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के संपूर्ण सत्र में सदन की संपूर्ण
कार्यवाही के दौरान वे मौजूद रहें और बहुमत परीक्षण के दौरान भाजपा दल के पक्ष में अनिवार्य रूप से मतदान
करें। उधर बेंगलुरु में श्री सिंधिया के समर्थक 20 विधायकों को उनके रिसोर्ट से अन्य रिसोर्ट में स्थानांतरित किया
गया है जबकि कांग्रेस के सरकार समर्थक विधायकों को जयपुर से आज भोपाल लाया गया है। भोपाल में भी
मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस के नेताओं की बैठक हुई जिसमें बहुमत साबित करने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक
में पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह, श्रीमती शोभा ओझा तथा कई अन्य नेता शामिल हुए।