अजमेर। पाकिस्तान हुकूमत की ओर से राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन
चिश्ती की दरगाह पर गुरुवार को मजार शरीफ पर चादर पेश कर दी गई। उर्स के मौके पर पाकिस्तानी जायरीनों
का जत्था 28 फरवरी से अजमेर में ही है और यहां हाजिरी लगाने आया है, लेकिन सुरक्षा कारणों से सुबह बड़े
कुल की रस्म के बाद जिला एवं पुलिस प्रशासन ने कड़े सुरक्षा घेरे में पाक जायरीनों को दरगाह शरीफ ले जाकर
चादर पेश कराई। पाक जायरीनों के प्रवास स्थल स्थानीय पुरानी मंडी स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से जायरीनों का
जत्था अजमेर की तंग गलियों से होता हुआ दरगाह शरीफ के निजामगेट पहुंचा। चादर पेश करने के जाते समय
पाक जायरीनों ने पाकिस्तान हुकूमत की चादर का टोकरा अपने सिर पर रखा था। सभी के गले में पहचान पत्र और
सीमाओं की घेराबंदी थी। चादर के साथ काफिला पुरानी मंडी से अंबा मार्केट, घी मंडी दरवाजे के पिछवाड़े की
गलियों से होता हुआ निकाला गया और दरगाह शरीफ पहुंचा। इस बीच तंग गलियों को भी पूरी तरह खाली करा
लिया गया। दरगाह के निजामगेट पर खादिमों की ओर से अनौपचारिक रुप से अगवानी की गई। बाद में सभी
आस्ताने शरीफ पहुंचे और पाकिस्तान सरकार के साथ ही खुद की ओर से भी अलग अलग चादरें भी पेश की गई।
चादर पेश करने के दौरान बीमार तीन पाकिस्तानी सदस्य शामिल नहीं हो सके, लेकिन शेष 208 सदस्यों ने चादर
पेश करके दोनों देशों में अमन चैन, भाईचारे, शांति एवं परस्पर तनाव कम करने के लिए दुआ की। प्राप्त
जानकारी के अनुसार पाक जायरीनों की दस्तारबंदी की गई। इससे पहले भारत में स्थित पाकिस्तान दूतावास के
अधिकारी भी अजमेर सेंट्रल गर्ल्स पहुंचे और चादर पेश कराए जाने की कवायद पूरी कराने में मार्गदर्शन किया।
हालांकि पाकिस्तानी जत्थे के साथ वहां की सरकार के संयुक्त सचिव अजमद भी अजमेर में मौजूद हैं। बावजूद
इसके पाकिस्तानी दूतावास से अधिकारियों को अजमेर आना पड़ा। पाकिस्तानी दल के सदस्य ख्वाजा गरीब नवाज
की बारगाह में हाजिरी लगाकर चादर पेश करने के लिए उत्साहित नजर आ रहे थे। इन्हीं सदस्यों में से दो सदस्य
व्हील चेयर पर होने के बावजूद दरगाह शरीफ पहुंचे। उल्लेखनीय है कि सुरक्षा कारणों से स्थानीय प्रशासन ने पहले
तीन तारीख को बाद में छह तारीख को चादर पेश कराए जाने के संकेत दिए थे, लेकिन आज चूंकि बड़े कुल की
रस्म के साथ ही उर्स का विधिवत समापन हो गया है, लिहाजा आज ही चादर पेश कराया जाना तय किया गया
और संयुक्त प्रयासों से यह काम निर्विघ्न संपन्न हो गया। पाकिस्तानी दल परसों सात मार्च को अपने वतन लौट
जाएगा। वर्ष 2017 के बाद भारत सरकार से इस वर्ष दल को अजमेर आने की अनुमति मिली थी। वीजा की शर्तों
के अनुसार किसी भी सदस्य द्वारा मीडिया से बातचीत करने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहा।