नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा
कि सरकार द्वारा स्टंट और घुटना बदलने के लिए नी कैप की कीमतों में भारी कमी किये जाने के बाद निजी
अस्पतालों ने इससे जुड़े अन्य शुल्कों में भारी बढोतरी कर दी है जिससे उनका उपचार पहले से अधिक महंगे हो
गये हैं। इसके मद्देनजर सरकार को एम्स वाले शुल्क को सभी निजी अस्पतालों के लिए भी लागू करना चाहिए।
प्रोफेसर यादव ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुये कहा कि हृदय रोग के उपचार के लिए आवश्यक
स्टंट की कीमतों में भारी कमी की गयी है। इस कमी से पहले भी निजी अस्पताल इसके उपचार के लिए कम से
कम तीन लाख रुपये ले रहे थे लेकिन कीमतों में कमी किये जाने के बाद सिर्फ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान
संस्थान में ही इसको प्रभावी तरीके से लागू किया गया है। निजी अस्पतालों ने स्टंट और नी कैप की कीमतें कम
कर दी है लेकिन चिकित्स शुल्क और अन्य नैदानिक प्रक्रियाओं के शुल्क के साथ ही अस्पताल के कमरे के किराये
में भारी बढोतरी कर दी है जिससे के कारण स्टंट डलवाने या नी कैप बदलना पहले की तुलना में महंगा हो गया
है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्टंट डलवाने या नी कैप बदलवाने से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं के मूल्य को एम्स के
शुल्क जैसे निर्धारित करने चाहिए ताकि गरीब और कमजोर आय वर्ग के लोग भी इसको वहन कर सके।
समाजवादी पार्टी के वी पी निषाद ने भी निजी अस्पतालों में उपचार के मंहगें होने का मुद्दा उठाते हुये कहा कि
आयुष्मान भारत योजना में अस्पतालों द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। लोगों को इसका लाभ नहीं
मिल रहा है।