विकास गुप्ता
नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सदन में कहा कि
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के बगैर जातिगत जनगणना संभव नहीं है। श्री नायडू ने शून्यकाल के
दौरान यह टिप्पणी उस समय की जब जनता दन यूनाइटेड (जदयू) के रामनाथ ठाकुर ने वर्ष 2021 में जनगणना
के साथ ही जातिगत गणना करने की भी सरकार से मांग की। श्री ठाकुर ने कहा कि वर्श 1931 में ब्रिटिश काल
में जातिगत गणना किया गया था। इसके बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने वर्ष 2010 में भी
जातिगत गणना की लेकिन यह पूरा नहीं हो सका। जातिगत गणना नहीं होने के कारण पिछड़े वर्ग, अनुसूचित
जाति और अनुसूचित जनजाति को विकास कार्यां का पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने केन्द्र सरकार ने
वर्ष 2021 में प्रस्तावित राष्ट्रीय जनगणना के साथ ही जातिगत गणना कराने की मांग की और कहा कि बिहार के
मुख्यमंत्री नीतिश कुमार भी कई बार इसकी मांग कर चुके हैं।