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इस्लामाबाद। पाकिस्तान इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) का अगला नियमित सत्र
राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित कराने की कोशिश कर रहा है। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आयशा फारूकी ने
यह टिप्पणी बृहस्पतिवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में की है जहां उनसे कश्मीर पर ओआईसी के विशेष सत्र की
संभावना के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ काम चल रहा है… पाकिस्तान की ख्वाहिश है कि ओआईसी का
अगला नियमित सत्र इस्लामाबाद में आयोजित हो।’’ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पिछले हफ्ते कहा था कि
पाकिस्तान कश्मीर पर ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक जल्दी चाहता है। कुरैशी का यह बयान उन मीडिया
रिपोर्टों के बाद आया था कि सऊदी अरब ने अपने विदेश मंत्री शहज़ादे फैसल बिन फरहान के जरिए पाकिस्तान को
संदेश भिजवाया था कि उसकी कश्मीर मुद्दे पर एक बैठक बुलाने की योजना है। सरकारी रेडियो पाकिस्तान ने
खबर दी है कि ओआईसी की मंत्री स्तरीय बैठक के इस्लामाबाद में अप्रैल में होने के आसार हैं। ओआईसी मुस्लिम
बहुल 57 देशों का संगठन है, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है। ओआईसी आमतौर तौर पाकिस्तान का समर्थन
करता है और कश्मीर मुद्दे पर अक्सर इस्लामाबाद की हिमायत करता है। फारूकी ने कश्मीर से तत्काल कर्फ्यू
हटाने, इंटरनेट सेवा बहाल करने और राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की। साथ में उन्होंने यह भी मांग कि
कश्मीर में जमीनी हालात देखने के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को इजाजत दी जाए। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा
पर भारत की ‘बिना उकसावे के संषर्घ विराम उल्लंघन और भारी हथियारों की तैनाती’ की वजह से पाकिस्तान
चुनौतियों का सामना कर रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन को
लेकर अपनी चिंताएं संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से साझा की हैं। फारूकी ने कहा कि विदेश
मंत्रालय ने हाल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के अध्यक्ष को स्थिति को लेकर सातवां खत लिखा है। पाकिस्तान
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित
करने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली है।