शरीर के किसी भी हिस्से पर चोट लगने को घाव कहा जाता है। आमतौर पर स्किन की एक झिल्ली के फटने या
टूटने को चोट लगना कहा जाता है। हल्के गुमड़े या उभार और खरोंच तो बचपन का हिस्सा हैं। नई चीजें देखने-
समझने के दौरान बच्चों का खुद को चोट लगा लेना काफी आम है और जल्द ही वे सामान्य भी हो जाते हैं। बच्चों
की चोट का इलाज करने के लिए पहले डॉक्टर माता-पिता ही होते हैं। जितना आप अपने बच्चे को चोट लगने से
बचाना चाहते है, उतना ही आपके बच्चे को अलग-अलग तरह की चोटें लगती रहती हैं। लेकिन, ऐसे में घबराएं नहीं
और चोट के बेसिक फर्स्ट एड के बारे में जान लें।
अगर आप ब्लीडिंग को रोकना और ड्रेसिंग करना जानते हैं, तो आप घर पर अपने बच्चों की चोट का इलाज कर
सकते हैं। इसके लिए घाव छूने से पहले अपने हाथ धो लें और घाव पर एक साफ पट्टी या कपड़े से दबाव डालें
और इसे तब कर जारी रखें, जब तक ब्लीडिंग बंद न हो जाए। ब्लीडिंग वाले एरिया को ऊपर की तरफ रखें, जिससे
ब्लीडिंग की स्पीड कम हो जाए।
खून रुकने के बाद
-गंदगी को हटाने तक घाव को साफ पानी से धोएं।
-घाव को गर्म पानी से धोएं ।
-बच्चे की चोट को माइश्चर रखने के लिए एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं।
-घाव पर पट्टी लगाए अगर जलने का घाव है, तो पट्टी ना लगाएं
बच्चे को डॉक्टर के पास कब ले जाएं
-अगर 10 मिनट के अंदर ब्लीडिंग नहीं रुकती है
-आपको लगता है टांकों की जरूरत है
-अगर घाव में बहुत ज्यादा गंदगी है
-उनकी त्वचा कुछ ज्यादा डैमेज लगे
बेबी स्क्रैप का इलाज
चोट के निशान को कम करने के लिए इन प्राकृतिक घरेलू उपचारों को आजमाएं
-एलो वेरा: इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं। एलो वेरा को अपने बच्चे के निशान पर लगाएं और
इसे 30 मिनट के लिए छोड़ दें। दिन में दो बार इसे जरूर लगाएं।
-नारियल तेलः जब बच्चे की स्किन ठीक होने लगती है, तो नारियल तेल एक माश्चराइजर की तरह काम करता
है। जब आपके बच्चे की त्वचा ठीक होने लगती है, तो इसको लगाएं। तेल को गर्म करें और धीरे से अपने बच्चे के
निशान पर लगभग तीन मिनट तक मालिश करें। दिन में तीन बार इसे दोहराएं, ये निशान को साफ करता है।