नई दिल्ली। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) आईएनएक्स मीडिया धन शोधन
मामले में आरोपपत्र दायर करने को तैयार है और इसमें वह पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे
कार्ति को नामजद कर सकती है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि एजेंसी इसमें
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को भी नामजद कर सकती है, जो इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी द्वारा
प्रवर्तित आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश के लिए मिली मंजूरी से संबंधित निर्णय प्रक्रिया का
हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई के आरोपपत्र में इंद्राणी के अभियोजन पक्ष
की गवाह बनने की संभावना है। वह पहले ही सरकारी गवाह बन गई थी। इंद्राणी पर अन्य एक मामले
में अपनी ही बेटी की हत्या का आरोप है। चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था
और वह भ्रष्टाचार के मामले में तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। चिदंबरम 2004 से 2014
तक संप्रग-1 और संप्रग-2 सरकारों के दौरान केंद्रीय वित्त और गृह मंत्री थे। वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम
के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स
मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी)की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाते
हुए सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने
2017 में इस संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया था।