‘सभी मोदी चोर हैं’ कहने पर दर्ज मानहानि के मामले में गुजरात की अदालत में पेश हुए राहुल गांधी

asiakhabar.com | October 10, 2019 | 3:46 pm IST
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शिवा गोयल

सूरत। वरिष्ठ कांग्रेस नेता, लोकसभा सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक की एक चुनावी रैली में दिये अपने कथित विवादास्पद बयान
‘सभी मोदी चोर हैं’ को लेकर यहां सत्तारूढ़ भाजपा के एक विधायक की ओर से दायर मानहानि के मामले
में आज अदालत में पेश हुए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) बी एच कापड़िया की अदालत में जब
श्री गांधी पूर्वाह्न पौने ग्यारह बजे पेश हुए तो उनसे तय प्रक्रिया के अनुरूप सीजेएम ने उनका नाम, उम्र
और पता पूछा और फिर यह पूछा कि वह क्या उनके पर लगाये गये आरोप को स्वीकार करते हैं। इसके
जवाब में श्री गांधी ने आरोपों को सिरे से नकार दिया।
यह मामला स्थानीय भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज कराया है। श्री गांधी के वकील किरीट पानवाला
ने अदालत में व्यक्तिगत पेशी से स्थायी छूट की मांग करते हुए एक अर्जी भी दायर की। अदालत ने
मामले की सुनवाई की अगली तिथि 10 दिसंबर तक की और उस दिन उन्हें अदालत में पेशी से छूट भी
दे दी। श्री गांधी लगभग 15 मिनट तक अदालत में रहे। श्री मोदी के वकील हसमुख एल वाला ने कहा
कि उन्होंने श्री गांधी को पेशी से छूट दिये जाने का पुरजोर विरोध किया है। अब अगली तिथि की
सुनवाई के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दर्ज इस मामले की नियमित सुनवाई शुरू
होगी। इसके तहत दोषी सिद्ध होने पर दो साल की सजा या जुर्माना अथवा दोनो का प्रावधान है। श्री
गांधी मानहानि के ही एक अन्य मामले में कल अहमदाबाद के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट
आर बी इटालिया की अदालत में भी पेश होंगे।
ज्ञातव्य है कि राज्य में श्री गांधी के खिलाफ मानहानि के कुल तीन मुकदमें चल रहे हैं। अहमदाबाद में
मानहानि के दो मामले चल रहे हैं। भाजपा के एक स्थानीय पार्षद कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने जबलपुर में
23 अप्रैल को चुनावी सभा के दौरान पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को हत्या का आरोपी बताने संबंधी
उनके बयान को लेकर यह मामला दर्ज कराया है। उनका कहना है कि श्री शाह को ऐसे मामलों में
अदालत से क्लिनचिट मिलने के बाद दिया गया यह बयान मानहानि है। श्री गांधी कल इसी प्रकरण में
अदालत में पेश होंगे। इससे पहले गत 12 जुलाई को वह यहां एक अन्य ऐसे मामले में अदालत में पेश
हुए थे जो नोटबंदी के दौरान अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर रद्द नोटों
की अदलाबदली को लेकर बैंक के तत्कालीन निदेशक तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को लेकर दिये
गये उनके बयान और सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज कराया गया था।


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