सुबोध कुमार
मथुरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के छात्रों
से पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था और प्लास्टिक का सस्ता विकल्प देने की चुनौती स्वीकार करने
की अपील की। श्री मोदी ने यहां स्टार्ट अप ग्रांड चैलेंज योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि आईआईटी
के छात्र इस चुनौती से जुड़े और समस्या का समाधान दें। उन्होंने कहा कि छात्र नये विचारों के साथ
आगे आयें। सरकार उस पर गंभीरता से विचार करेगी और जरुरी निवेश करेगी। इससे रोजगार भी
मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की थैलियों का सस्ता और सुलभ विकल्प क्या हो सकता है। ऐसे
अनेक विषयों का हल देने वाले स्टार्ट अप शुरू किए जा सकते हैं। देश के डेयरी सेक्टर को विस्तार देने
के लिए हमें नई तकनीक की जरुरत है। ये नवाचार हमारे ग्रामीण समाज से भी आएं इसीलिए आज
स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज की शुरुआत की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक की समस्या समय के साथ गंभीर होती जा रही है। प्लास्टिक के खाने
से पशुओं एवं जलीय जीवों के निगलने से उनका जिन्दा बचना मुश्किल हो रहा है। एक बार उपयोग
किये जाने वाले प्लास्टिक से छुटकारा पाना ही होगा। उन्होंने लोगों से अपने घर, दफ्तर और कार्यक्षेत्र
को प्लास्टिक मुक्त करने का अनुराेध करते हुए कहा कि इसमें गैर सरकारी संगठनों, स्कूलों, कालेजों,
महिला संगठनों और अन्य संगठनों को इस अभियान से जुड़ना चाहिए। इससे संतानों का भविष्य
उज्जवल होगा। श्री मोदी ने कहा कि प्लास्टिक कचरा संग्रह किये जाने के बाद उसका रिसाइकिल किया
जरयेगा और जिसे ऐसा नहीं किया जायेगा उसे सीमेंट कारखानों और सड़क निर्माण में उपयोग में लाया
जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों में प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग नहीं किया जायेगा और
उसके स्थान पर मिट्टी या धातुु के बर्तनों का उपयोग किया जायेगा। उन्हाेंने कहा कि डेयरी विस्तार और
दूध उत्पादन बढाने के लिए नवाचार की जरुरत है। पशुओं में दूध उत्पादन बढाने के लए हरे चारे की
जरुरत है।