राजीव गोयल
लंदन। द लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में मच्छर
काटने से होने वाली घातक बीमारी मलेरिया के कुल मामलों में भारत का चौथा स्थान रहा। दुनिया भर
में पता चले कुल मामलों में चार प्रतिशत मामले भारत में सामने आए। रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में
दुनिया भर में पता चले मलेरिया के कुल 21.9 करोड़ मामलों में करीब एक करोड़ मामले भारत के थे।
इस तरह भारत इस बीमारी से संक्रमित चौथा सबसे बड़ा देश था और सिर्फ अफ्रीकी देशों नाइजीरिया,
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और मोजांबिक से पीछे रहा।
रिपोर्ट को 40 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा संकलित किया गया, जिसमें मलेरिया विशेषज्ञ, बायोमेडिकल
वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री और स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ शामिल हैं। रिपोर्ट तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने नई
मॉडलिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है और अनुमान जताया है कि मलेरिया 2030 और 2050 तक
किस रूप में होगा। उनके विश्लेषण में संकेत मिला है कि सामाजिक आर्थिक और पर्यावरणीय रुझानों के
मिले-जुले प्रभाव से मलेरिया के प्रसार में कमी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि भारत, पूर्वी इंडोनेशिया
और पापुआ न्यू गिनी 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के लिए जूझते हुए दिखेंगे। रिपोर्ट में पाया गया कि
भारत में 2017 में तमिलनाडु के कुल मामलों में 71 प्रतिशत सिर्फ राजधानी चेन्नई में सामने आए।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में एक बड़ी बाधा स्वास्थ बजट बहुत कम होना है।